हमने तन्हाई में सच्चाई से बातें की हैं ॥
अपनी सोयी हुई अच्छाई से बातें की हैं ॥
अपने भारत की बदलेगी दशा और दिशा
इसकी नयी सी परछाई से बातें की हैं ॥
उनके दर से खामोश हूँ लानत है मुझे
सपनों में उस आतमताई से बातें की हैं ॥
रंग बदल रहा अब ढंग बदल रहा यारो
तरूणों की इस अंगड़ाई से बातें की हैं ॥
खामोश रह कर बहुत सहा हमने यारो
अब नए ढंग की रूबाई से बातें की हैं ॥
अपनी सोयी हुई अच्छाई से बातें की हैं ॥
अपने भारत की बदलेगी दशा और दिशा
इसकी नयी सी परछाई से बातें की हैं ॥
उनके दर से खामोश हूँ लानत है मुझे
सपनों में उस आतमताई से बातें की हैं ॥
रंग बदल रहा अब ढंग बदल रहा यारो
तरूणों की इस अंगड़ाई से बातें की हैं ॥
खामोश रह कर बहुत सहा हमने यारो
अब नए ढंग की रूबाई से बातें की हैं ॥
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