Tuesday, January 14, 2014

बसंत पंचमी के मौके पर

बसंत पंचमी के मौके पर
एक किसान सर छोटू राम को याद करता है

एक बै हट कै आज्य छोटूराम किसान तनै आज बुलावै  सै ॥
सन चालीस का कमेरा तनै आज बी उतना ए तै चाहवै सै ॥
म्हणत लगन पक्का इरादा थारे मैं गुण पूरी मिकदार मैं
गढ़ी सांपला मैं पैदा होकै थमनै देखि गरीबी परिवार मैं
जिक्र हुया थारा संसार मैं छोटूराम किसे कानून बनावै सै ॥
धरती कुड़क ना होवै किसानी थामनै कानून इसा बनाया
गोड्यां ताहिं कर्जे मैं धँसरे थे थामनै आकै आजाद कराया
एक बै साँस उलगा सा आया वो खरना आज बी गुण गावै सै ॥
खूब जतन  करे हमनै ऊबड़ खाबड़ खेत संवारे फेर दखे
भाखड़ा डेम का बिजली पानी होगे वारे के न्यारे फेर दखे
दस तैं बीस मणे  गीहूँ म्हारे फेर दखे म्हणत रंग ल्यावै सै ॥
खाद बीज ले कर्जे पै म्हणत तैं खेत क्यार म्हारे लहलागे रै
फसल ले जिब मण्डी पहोंच्या भा  कति तले नै ये आगे रै
बहोत किसान फांसी खागे रै रणबीर नहीं झूठ बहकावे सै ॥

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