आज का दौर हमको कहाँ लेजा रहा यारो ॥
बताओ तो सही नहीं समझ पा रहा यारो ॥
प्यार मोहब्बत नहीं बची मार काट छाई
मानवता के रिस्तों पे बाजार छा रहा यारो ॥
बताओ तो सही नहीं समझ पा रहा यारो ॥
प्यार मोहब्बत नहीं बची मार काट छाई
मानवता के रिस्तों पे बाजार छा रहा यारो ॥
No comments:
Post a Comment