भारत का मुक्तिसंग्राम
ब्रिटिश साम्राजियों और उनके सेवक इतिहासकारों ने भारतीय जनता के इन गौरवमय संग्रामों पर यथाशक्ति पर्दा डालने की कोशिश की । साम्राजियों को भारत भूमि से मार भगाने की चेष्टा कार्नर वाले भारतीय वीरों को उन्होंने डकैत लूटेरा हत्यारा आदि कहकर दुनिया की नजर में गिराने की कोइ भी कोशिश उठा न रखी । उनकी दृष्टि में फरेब , दगाबाजी ,खुली लूट और डकैती का रास्ता अपना कर भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की बुनियाद मजबूत करने वाले क्लाइव , वारेन हेस्टिंग्स , डलहौजी जैसे लोग महँ पुरुष थे , लेकिन उनकी लूट खसोट के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने वाले मजनूशाह , तीतूमीर , दूदू मियाँ ,पायस्सी राजा , वेलू थंपी , तीरथ सिंह , सिद्धू और कानू , नाना साहिब , लख्मीबाई , तातिया टोपे , मोलवी अहमदशाह , कुंवर सिंह , और अमरसिंह , राम सिंह कूका ,वासुदेव बलवंत फड़के , टिकेंद्रजीत , बिरसा मुंडा आदि अपराधी थे । मिथ्या , कुत्सा और कुप्रचार के इस परदे को फाड़ फेंकने की जिम्मेदारी भारत के इतिहासकारों की है ।
ब्रिटिश साम्राजियों और उनके सेवक इतिहासकारों ने भारतीय जनता के इन गौरवमय संग्रामों पर यथाशक्ति पर्दा डालने की कोशिश की । साम्राजियों को भारत भूमि से मार भगाने की चेष्टा कार्नर वाले भारतीय वीरों को उन्होंने डकैत लूटेरा हत्यारा आदि कहकर दुनिया की नजर में गिराने की कोइ भी कोशिश उठा न रखी । उनकी दृष्टि में फरेब , दगाबाजी ,खुली लूट और डकैती का रास्ता अपना कर भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की बुनियाद मजबूत करने वाले क्लाइव , वारेन हेस्टिंग्स , डलहौजी जैसे लोग महँ पुरुष थे , लेकिन उनकी लूट खसोट के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने वाले मजनूशाह , तीतूमीर , दूदू मियाँ ,पायस्सी राजा , वेलू थंपी , तीरथ सिंह , सिद्धू और कानू , नाना साहिब , लख्मीबाई , तातिया टोपे , मोलवी अहमदशाह , कुंवर सिंह , और अमरसिंह , राम सिंह कूका ,वासुदेव बलवंत फड़के , टिकेंद्रजीत , बिरसा मुंडा आदि अपराधी थे । मिथ्या , कुत्सा और कुप्रचार के इस परदे को फाड़ फेंकने की जिम्मेदारी भारत के इतिहासकारों की है ।
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