Monday, January 13, 2014

अच्छा हुआ

दूर तक फैला नहीं मोदी का धुआं अच्छा हुआ ॥
आज सिमट आई आप में आंधियां अच्छा हुआ ॥
रंग ले ही आई जनता की खुशियां अच्छा हुआ ॥
अब होंश में आने लगा सारा जहाँ अच्छा हुआ ॥
क्या कहर होता अगर वो आता लाल किले पे
झुक गया खुद ही जमीं पर आसमाँ अच्छा हुआ ॥
उतर चढाव देखे पिछले दस बरसों में हमने जो
जिंदगी गुजरी इन्ही के दरमियाँ अच्छा हुआ ॥
दिल कि बातें कहना इतना आसान नहीं होता
बोलने लगी हैं अब तो ख़ामोशियाँ अच्छा हुआ ॥
जनता की कहीं आँधी आई सबको ही झकझोरा
याद तो आया उनको हमारा मकाँ अच्छा हुआ ॥ 
सावधानी तो बरतेगी जनता कदम कदम पर
लिखेगी खुद ही ये अपनी दास्ताँ अच्छा हुआ ॥ 

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