रोज खली हाथ जब घर लौट कर जाता हूँ मैं
मुस्कुरा देते है बच्चे और मर जाता हूँ मैं
राजेश रेड्डी
जहाँ में कोई हमें प्यार के काबिल नहीं मिलता
कोई दिल से नहीं मिलता , किसी से दिल नहीं मिलता
दास चतुर्वेदी
मुस्कुरा देते है बच्चे और मर जाता हूँ मैं
राजेश रेड्डी
जहाँ में कोई हमें प्यार के काबिल नहीं मिलता
कोई दिल से नहीं मिलता , किसी से दिल नहीं मिलता
दास चतुर्वेदी
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