Sunday, April 22, 2012

CHINTA SAMAJ KEE



  • रणबीर
खरी खोटी
आजकल लोगां नै समाज की बहोत चिन्ता होरी सै। रमलू, ठमलू, नफे, सते, फते, सरिता, सविता, बबीता अर ताई धमलो पाछै क्यों रहवैं थे। रमलू बोल्याआजकल गिहूं की पैदावार किल्लेवार कम होगी। मजे की बात कोन्या रही खेती मैं। बस धिंगताना सा होरया सै। ठमलू बोल्यासही कहवै सै रमलू। पैदावार कम होगी, खेती मैं इस्तेमाल होवण आली चीजां की कीमत दस गुणा बधगी। जीना मुश्किल होग्या। गाभरु छोरे अर बहू सल्फास की गोली खा-खा कै मरण लागरे सैं। सरिता बोलीया सल्फास की गोली तो बनावनी बन्द कर देनी चाहिए। नफे बोल्याम्हारी कौण सुनै सै। सविता बोलीबिना बात की बातां पर काटकड़ उतरया रहवै सै। अर सल्फास की गोली की कान्ही किसे का ध्यानै कोन्या जात्ता। सते बीच मैं बोल पडय़ासमाज का सत्यानाश होण मैं कसर तो किमै रही नहीं। सरिता बोलीसमाज शब्द का इस्तेमाल बहोत होरया सै आजकल। समाज तै तेरा के मतलब सै? नफे बोल्यासमाज का मतलब म्हारा समाज। म्हारे का मतलब ईब तम लाल्यो। सतेके मतलब लावां? समाज का मतलब हरियाणे का समाज? नफेहां न्यों बी कहया जा सकै सै। पर सविता बोलीपर के खोल कै बता के कहना चाहवै सै। सरिता बोलीमैं जानूं सूं इस नफे नै सारी हान घुमा फिरा कै बात करैगा। नफे बोल्याअरै क्यूं मेरा मुंह खुलवाओ सो। हरियाणा मैं समाज का मतलब जाट समाज तै न्यारा और के हो सकै सै? सरिता बोलीफेर म्हारा बाहमनां का समाज कित जागा? फते बोल्याम्हारे दलितां के समाज की तो पहलमैं जागां कोन्या गांव के समाज मैं रही सही कसर नफे नै पूरी करदी। बबीता बोलीम्हारे पंजाबियों के तो कई गांव हैं हरियाणा में, हमारे रीति-रिवाजों का क्या होगा? रमलू बी कहने लाग्याभाई गोत की गोत मैं ब्याह तो कति बी गले तै तलै कोन्या उतरै।
गांव की गांव मैं ब्याह क्यूकर पुगैगा? सीम कै लागते भाईचारे का हिसाब बी देखना पडैग़ा। सरिता बोलीतूं बी रमलू इन खापियां की भाषा बोलता दीखै सै। मनै न्यूं बता कितने के ब्याह होलिए गोत की गोत मैं? रमलूघणे तो हुए कोन्या एकाध हुआ सै। फेर ये तो लीख गेरण लागरे सैं। इनका इन्तजाम तो पहलमैं करना होगा। सरिताआच्छा रमलू न्यूं बता इन खापां का असर कितने के जिल्यां मैं होगा? रमलू गिनावण लाग्यारोहतक, जीन्द, कैथल, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, सोनीपत अर झज्जर। फेर अटकग्या। सरिताये तो आठ हुए। बेरा सै कितने जिले सैं हरियाणा मैं? रमलू —16 सरिता बोलीकौन-सी दुनिया मैं रहवै सै। 20 जिले सैं हरियाणा मैं। बाकी जिले तो शामिल कोन्या थारे इस अभियान मैं। अर इन आठ जिल्यां मैं भी ना तो पंडितां की या समस्या, ना बनिया की या समस्या,ना पंजाबियां की या समस्या। ना दलितां की या समस्या। फेर तो नफे की बात सही लागै सै अक या जाट समुदाय की समस्या सै। पूरे हरियाणावासियां की समस्या तो सै कोन्या इनके रीति रिवाजां के हिसाब तैं। नफे बोल्याहरियाणा इज नॉट इक्वल टू पंजाबी,बनिया और दलितहरियाणा इज इक्वल टू जाट। नहीं मानै जो बात जाट की, बस तैयारी करल्यो बाईकाट की। जाट ईब कानून गेल्यां फाईट करै, साथ ना दे जो ढिबरी इसकी टाइट करैं। विरोधी का बहिष्कार डे नाइट करै, लैफ्ट के समझै सै इसनै बी राईट करै। चुन्नी उढ़ा बहु बनाल्यां चलै दस्तूर म्हारा, सात फेरे बी उकाल्यां के करले वेद थारा। सरिता बोलीनफे तूं तो इतना बावला ना था जितनी बावली बात तूं आज करण लागरया सै। मान लिया हरियाणा मैं जाट मैजोरिटी मैं सैं फेर इसका मतलब यो तो कोन्या एक सब पर अपना लंगोट घुमाओगे।
हरियाणा मैं बी इसे कई गांव सैं जित गांव की गांव मैं ब्याह हो सैं। हरियाणा मैं बी कई समुदाय सैं जित मामा-बुआ के बालकां मैं ब्याह होंसैं। बनिया अर बाहमनां के के गोत की गोत मैं ब्याह के अपवाद के नहीं होत्ते? होसैं फेर उनमैं बालकां नै मारण का रिवाज कोन्या। लचीलापन सै। बालकां का ब्याह करवादें सैं। नफे बोल्याफेर तो उनकै तो गोत की गोत मैं शादियां की ग्लेट-सी लागती होंगी। सरिता बोलीतेरे गाम के बाहमनां मैं अर बनियां मैं के हाल सैतनै बेरा सै। बात का बतंगड़ मत बनाओ इस गोत के गोत मैं ब्याह नै अर इसनै अपवाद मानकै दूसरी कौमां की ढालां लचीलापन ल्याओ। बख्त की मांग तो याहे सै नफे सिंह बाकी तूं जानै अर थारे नेता जानैं। जनता की आवाज तो याहे सै जो मैं कहरी सं। फेर थारी समझ मैं कोन्या आवै। नफे तेरी बुद्धि पर तरस आवै सै मनै।

No comments:

beer's shared items

Will fail Fighting and not surrendering

I will rather die standing up, than live life on my knees:

Blog Archive