Sunday, August 19, 2012

MERA GAON

MERA  GAON  
पुलिस सिपाही और दरोगा सरपंचों ने हाथ मिलाये 
मलंग दो दो तीन हरेक जाति के इनके संग आये 
महज दबंग नहीं अब मलंग के कब्जे में गाँव हुआ 
सरपंच के बाएं दायें बनके लूट का अब काम हुआ 
पहले बी डी ओ की मार्फ़त गाँव का पैसा लगता था
बी डी ओ सरपंच मिलके हमारे गाँव को ठगता था 
अब मलंग दबंग और पुलिस साथ हुए हैं सरपंच के 
विकास का पैसा बलि चढ़ा आज इनके छल प्रपंच के
ठेकेदारी प्रथा छाई देश में देश को आज बर्बाद किया
हरेक क्षेत्र में ठेकेदारों को आज पूरी तरह आबाद किया
गाँव के बाकी नब्बे लोग भूखे प्यासे ही आज खटते हैं
उनकी मेहनत के बहोत से हिस्से मलंगों बीच बँटते हैं
बहन बेटी बहु महिला पर इन सबकी बुरी नजर देखो
चरित्रहीन का फिर दोष लगाते करते मुश्किल डगर देखो
बिन ब्याही गर्भवती की संख्या गाँव में बढ़ रही बताते हैं
आस पडौस चाचा ताऊ भाई के हत्थे चढ़ रही बताते हैं
इसके अलावा भी सेक्श माफिया गाँव में जा पहुंचा है
शहरों की सड़ांध का असर अब तो गाँव तक आ पहुंचा है
दारू ने हरेक गाँव में बहुत ही जयादा कहर ढाया देखो
घर कोई बचा नहीं शायद कोई मेंबर ही बच पाया देखो
बिना बयाहे गरीब नौजवान दारू पास अपने बुलाती देखो
दिमाग दिल और जिगर को धीमें धीमें खाती जाती देखो
दारू ने आज चोर हमको अहिस्ता अहिस्ता बनाया देखो
पत्नी का गहना इसके लिए हमने कभी तो है चुराया देखो
यह गाँव है मेरा इसका कैसे आज सुधार और विकास करूँ
भाईचारा डग्वारा सब लौटेगा आज कैसे मैं ये विश्वास करूँ
उम्मीद है और यकीन मुझको वह सुबह कभी तो आयेगी
गाँव में इंसान बसेंगे एक दिन ये हैवानियत हार जायेगी
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