हिसार. बरसाती मौसम में बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों को मलेरिया से बचाने के लिए आई कुनेन (क्लोरोक्वीन) की लाखों गोलियों में आग लगा दी। अस्पताल के पुराने मलेरिया ऑफिस परिसर में कुछ गोलियां जली हुईं तो कुछ अधजली मिली हैं।
इन्हें किसी ने जलाने का प्रयास किया था। गोलियों की खेप को आग के हवाले करने के लिए उनके नीचे सूखा घास भी लगाया गया था। मगर, बरसात में आग फैल न सकी। बाजार में इन गोलियों की कीमत दो लाख रुपए से अधिक आंकी गई हैं। घटना के बाद से स्टोर इंचार्ज लापता है।
सिविल अस्पताल परिसर में गुरुवार दोपहर बड़ी तादाद में कुनेन की गोलियां मिलीं। इन गोलियों के दर्जनों पैकेट अधजली हालत में थे। इनमें बंगाल कैमिकल और आईडीपीएल कंपनी के हजारों पत्ते (स्ट्रिप) हैं। ये दोनों सरकारी कंपनियां हैं। सरकारी अस्पतालों में ही ये दवा सप्लाई करती हैं।
इन पत्तों पर नॉट फॉर सेल भी छपा है। इनमें से अधिकतर दवाइयों की एक्सपाइयरी डेट निकल चुकी थी, जबकि कुछ दवाओं की मियाद एक से दो साल बची है। इंडिया अगेंस्ट करप्शन और मदद संस्था को इस बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद यहां संस्था के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल परिसर में प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मामले की सूचना उपायुक्त, सीएमओ और स्वास्थ्य महानिदेशक को भी दी।
इसके बाद सीएमओ डॉ. जेएस ग्रेवाल, मलेरिया ऑफिसर डॉ. एसके गुप्ता, डिप्टी सीएमओ डॉ. राजीव बुडानिया, मेन स्टोर इंचार्ज सोहनलाल कंसल, एचसीएमएस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजेश समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। उपायुक्त की ओर से प्रशिक्षु आईएएस अमित खत्री ने मौके का मुआयना किया। यहां प्रदर्शनकारियों ने मामले में बड़े घपले का अंदेशा जताते हुए दोषियों को निलंबित करने, एफआईआर दर्ज कराने और उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई करने की मांग की।
इन्हें किसी ने जलाने का प्रयास किया था। गोलियों की खेप को आग के हवाले करने के लिए उनके नीचे सूखा घास भी लगाया गया था। मगर, बरसात में आग फैल न सकी। बाजार में इन गोलियों की कीमत दो लाख रुपए से अधिक आंकी गई हैं। घटना के बाद से स्टोर इंचार्ज लापता है।
सिविल अस्पताल परिसर में गुरुवार दोपहर बड़ी तादाद में कुनेन की गोलियां मिलीं। इन गोलियों के दर्जनों पैकेट अधजली हालत में थे। इनमें बंगाल कैमिकल और आईडीपीएल कंपनी के हजारों पत्ते (स्ट्रिप) हैं। ये दोनों सरकारी कंपनियां हैं। सरकारी अस्पतालों में ही ये दवा सप्लाई करती हैं।
इन पत्तों पर नॉट फॉर सेल भी छपा है। इनमें से अधिकतर दवाइयों की एक्सपाइयरी डेट निकल चुकी थी, जबकि कुछ दवाओं की मियाद एक से दो साल बची है। इंडिया अगेंस्ट करप्शन और मदद संस्था को इस बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद यहां संस्था के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल परिसर में प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मामले की सूचना उपायुक्त, सीएमओ और स्वास्थ्य महानिदेशक को भी दी।
इसके बाद सीएमओ डॉ. जेएस ग्रेवाल, मलेरिया ऑफिसर डॉ. एसके गुप्ता, डिप्टी सीएमओ डॉ. राजीव बुडानिया, मेन स्टोर इंचार्ज सोहनलाल कंसल, एचसीएमएस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजेश समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। उपायुक्त की ओर से प्रशिक्षु आईएएस अमित खत्री ने मौके का मुआयना किया। यहां प्रदर्शनकारियों ने मामले में बड़े घपले का अंदेशा जताते हुए दोषियों को निलंबित करने, एफआईआर दर्ज कराने और उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई करने की मांग की।
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