Wednesday, December 18, 2013

अमीरों का भगवान

अमीरों का भगवान 
दीन  धरम अर पुन कर्म यु देख लिया भगवान॥ 
एक भगवान दुनिया कहवै मैं कहता दो भगवान॥ 
साचा मानस नौकरी मैं दो दिन ना टिक पावै 
होज्या साहब नाराज काम मैं कई खोट बतावै 
करदे रिपोर्ट ख़राब चौबीस घंटे का नोटिस पावै  
उलटी मिली ना नौकरी जय सच ना छोड़ी जावै
मजबूरी मैं खड्या लखावै नीचे लीले असमान ||
बालक पालण खातिर दर दर ठोकर खानी पड़जयां
सत्य वफ़ा तप सब धरनी एक ठिकाणी पड़जयां
साच पै अड़या रहै तै रेल तले नाड़ धिकानी पड़जयां 
साचे मानस नै साच की कीमत घनी चुकानी  पड़जयां
साच की उठाई अर्थी इसका होवै बहोत घना अपमान ||
माट्टी गेल्याँ होज्या माट्टी फेर पसीना खूब बहावै  
ठेठ पोह के मिहने मैं भी वो खेत मैं पानी ल्यावै
काली नागन बंधे उप्पर या पड़ी पड़ी फ़न ठावै 
मेहनत करकै छिक्ले फल फेर भी नहीं थ्यावै 
तेरा राम जी क्यूं तेरी गेल्याँ पड़रया सोचै नै किसान ||  
चोर ज़ार लुटेरों की यो म्हारा राम करै रखवाली
पग पग उप्पर झूठ रचावै करै छेक खावै जिस थाली 
घाट ये तोलें टैक्स  बचावैं करैं कार घनी कुढाली  
राम की आड लेके नै इन्ने घनी ए  लूट मचाली  
करीं छल रात दिन तान कै राम नाम की छान||
 
 
 

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