Thursday, May 3, 2012

FREE MARKET

मुक्त बाजार -- परफैक्ट   समाज --कितना पर फैक्ट ???
बाजार व्यवस्था का आज चारों कांहीं जोर दिखाई देवै  सै | दूसरे अमरीका बरगे देश तो बाजार व्यवस्था के आ गै माथा टे कें ए टे कें सें इब तो भारत देश बी मुक्त बाजार कहता कहता हिचकी सी लें लाग ज्या सै | कसूती रट लागरी सै म्हारे भारत देश महान कै |सारी की सारी आर्थिक अर सामाजिक समस्यावाँ  की यो मुक्त बाजार " राम बाण दवाई " बताया जा वै सै |इसमें मुकाबले का कंसेप्ट सै मतलब बेहतरीन उत्पाद बेहतरीन कीमत पै | समझान की बात या सै अक फ्री मार्केट मैं छांटन मतलब चुनाव की सुविधा हो वै सै | उनका कहना सै अक इसे तरियां बनै गा "पर फैक्ट समाज "| मध्यम वर्ग नै यो जुमला बहोत भा वै सै | फेर इस पर फैक्ट समाज के कंसेप्ट नै जै माड़ा सा बी खुरच कै देखें तो इसका तम्बू सा पाटता  दिखाई दे वै सै | इब दिक्कत की बात या सै अक आम हरयाणवी नै सोच्चन तैं तैं बहोत परहेज सै पर आज सोचें बिना काम कोनी चा लै | थामिए भाज ना लिए !!! माड़ा सोच कै देखां अक म्हारे देस  मैं "कर" मतलब टैक्स कौन दे वै सै अर इन टैक्सों तैं कठ्ठा हुया पीस्सा कित अर क्यूकर खर्च करया जा वै सै तो दूध का ढूध अर पानी का पानी साहमी आज्या  सै माड़ी सी वार मैं | किस ताहीं सब्सिडी अर कितनी सब्सिडी दी जा वै सै अर किस नै इसका फायदा मिलै सै अर किस नै नहीं मिलदा तो सारी कलई खुल ज्या सै | अर सफ़ होज्या सै अक यो मुक्त बाजार बस एक सिधान्त सै | असल मैं इस मुक्त बाजार का अस्तित्व नहीं सै | असल मैं या कर प्रणाली जटिल सै | सरकार जनता के पीस्से का जोड़ तोड़ करती रहवै सै | कई ढाल के नियम- विनियम  बना दे सै | इस सब का निचौड़ यो सै अक खास ढाल के व्यवसाय ना सिर्फ बिना किसे रूकावट के चलते रह वें  बल्कि खूब फलै फू लें  बी | ज्यूकर अमरीका मैं रक्षा विभाग नै बड़ी सब्सिडी दी जा वै सै | कुछ कर खाने बी डिफैंस के नाम पै मदद पा ज्यावें सें| इस खाते मैं करोड़ों डालर मोटर हवाई जहाजों के उद्योग नै मीलें
सें | १९४४ ,५६, अर ६४ मैं नेशनल हाई वे  कानून बनाये गये थे | इन पर कर दाता वां  के करोड़ों डालर लाग लिए | अर फ़ायदा  जनरल  मोटर्स नै | हाई वे का यो विचार जनरल मोटर्स के अध्यक्ष एल्फ्रेंड स्लोन  का ठा | इस का नतीजा यूं हुया अक अमरीका की अर्थ व्यवस्था पैट्रोल तैं चालन आले वाहनों पै आ कै टिकगी | तेल उद्योग का एकाधिकार अलग तैं पनप्या| याहे चल आ गै चल कै खडी युद्ध के मैं बदलगी | म्हारे भारत के किस्सनों की सब्सिडी पर तो कसूते कट लग वा दिए अर अमरीका अपने किसानो नै बेइंतिहा सब्सिडी देवन लाग रया | कित सै फ्री कम्पीटीसन  ??  या सै इस मुक्त बाजार की बानगी | कहाँ मैं मुक्त बाजार असल मैं कितना मुक्त सै यूं सोच्चन का मामला सै | फेर अपां  नै ना सोच्चन की सूँ खा राखी सै | गेर राय गेर पटता गेर | डाक्टर तो पागल हो लिया |

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Will fail Fighting and not surrendering

I will rather die standing up, than live life on my knees:

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