Sunday, May 6, 2012

Rajender Sharma ji

इक खास हरयाणवी sunday mail दोस्तों के लिए
पूरी कर ली मैंने पढ़ाई,
फेर भी नौकरी मिली न भाई,
मिली न नौकरी भारी स दिल,
री मेरी माँ इब घनी मुश्किल,
यो ठान ली मैन्न्ने इब तो,
मण्डली एक बनाऊ गा,
दो चार चेलिया पांच दस चेले,
छेने चिमटे बजाऊ गा,
घना चोखा बिजेनस मेरी माँ,
मैं बाबा हो जाऊ गा।
री री मैं बाबा हो ......................
तीन चार महीने मा बोलन बैठन पहरन का ढंग आ जावे,
क्योकर लेना मोटा चंदा ख़ास चेला सारा ही आप समझावे,
किसी नेता घेल सांठ गांठ करू जो बीच बैठा कमीशन खावे,
भगवत गीता रामायण ने पानी पी पी रटा लगाऊ गा,
मसालेदार कथा कहानी एक्शन के साथ सुनाऊ गा।
री मेरी मैं बाबा हो।...................................................................... 
"रैना"

No comments:

beer's shared items

Will fail Fighting and not surrendering

I will rather die standing up, than live life on my knees:

Blog Archive