एक तरफ बेरोजगारी की मार है और दूसरी तरफ अंध उपभोग की लंपट संस्कृति का अंधाधुंध प्रचार है इनके बीच में घिरे ये युवक युवती लंपटीकरण का शिकार तेजी से होते जा रहे हैं !स्थगित रचनात्मक उर्जा से भरे युवाओं को हफ्ता वसूली ]नशा खोरी ]अपराध और दलाली के फलते फूलते कारोबार अपनी तरफ खींच रहे हैं। हम बैठे उनको कोसते रहते हैं मगर कोई सकारात्मक एजेंडा नहीं दे पा रहे हैं युवाओं को ।
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