Friday, May 10, 2013

आसाराम बापू

आसाराम  बापू
अक्टूबर 2008 तक मिली जानकारी के अनुसार आसाराम बापू के आश्रमों की कीमत 4500 करोड़ रूपये से अधिक है । जाहिर है कि  अब तक तो बापू दस हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के मालिक हो चुके होंगे । बापू जी की काली करतूतों के बारे में इंटरनेट पर जितनी जानकारी उपलब्ध है , शायद ही किसी दुसरे बाबा के बारे में मिलती हो । बाबा के देशभर में फैले लगभग सारे आश्रम विवादित हैं । गरीबों और किसानों की भूमि पर जबरिया कब्ज़ा करके बनाये गए हैं । इस मायने में यह तथाकथित अध्यातम गुरु सबसे बड़ा भूमाफिया है । बापू के आश्रमों  के पीछे की कहानी कुछ इस तरह से है :
1. राजधानी दिल्ली में ही सीलपुर में बाबा ने अपना आश्रम मंदिर पर कब्ज़ा कर बनाया है । करोल बाग़ में बाबा का मंदिर वन भूमि पर है ।  दिल्ली में ही राजोकरी का आश्रम भी इसी प्रकार बना है ।  नजफगढ़ का मंदिर तो ग्राम पंचायत की भूमि पर बनाया गया है । -------जारी है
2. ऋषिकेश में बापू का आश्रम किसानों की भूमि पर बनाया गया है । ग्वालियर में शिवपुरी रोड पर बापू का आश्रम गाँव की चरनोई भूमि पर है । मामला अदालत में है । छिंदवाडा में बापू का आश्रम आदिवासियों की जमीन पर कब्ज़ा करके बनाया गया है। मामला अदालत में है । मेघनगर में 108 एकड़ में बने बापू के आश्रम की भूमि के असली मालिक आदिवासी हैं ।  यह बात अदालत मान चुकी है । \
3. रतलाम में तो बापू ने पूरे 500 एकड़ भूमि पर कब्ज़ा कर आश्रम खड़ा किया है । इस भूमि की असली मालिक  बापू की  ही  भगतिन प्रेमा बहन है , जो मुंबई में रहती है ।
4. गुजरात में पेथ्माला में बापू का आश्रम जिस भूमि पर बना है , उसकी बाजार कीमत 350 करोड़ से अधिक है । यह भूमि गाँव के किसानों की है ।
5. चंडीगढ़ में तो बापू ने बड़ा धोखा किया , बापू के आश्रम का उद्घाटन प्रकाश सिंह बदल ने किया ।  बापू ने अपने भगतों  से कहा कि वह पञ्च पञ्च लाख में उन्हें फ़्लैट बनाकर देगा ।  इस प्रकार 500 करोड़ अपनी जेब में भरे और चलते बने । लोग लम्बे समय तक घर का सपना देखने के बाद अब अदालत के दरवाजे के बहार खड़े हैं ।
6. बनारस में भी बापू के आश्रम की भूमि का मामला अदालत में चल रहा है । लखनऊ में बापू का आश्रम जिस भूमि पर बना है , पुलिस की मदद से बापू ने इसके मालिक को गिरफ्तार करवा कर उक्त भूमि पर कब्ज़ा कर , भव्य भवन निर्माण करवाया ।  मामला अभी अदालत में है । सूरत में बापू के आश्रम की दीवारें खून से रंगी हुई हैं ।  बापू ने यह आश्रम भूमि मालिक की हत्या करवा कर बनाया है । अहमदाबाद में भी बापू के आश्रम की भूमि का मुकदमा कोर्ट में चल रहा है । भावनगर में बापू के आश्रम के अतिक्रमण को सितम्बर 2008 में नगर निगम ने तोडा है। हरिद्वार में आसा राम ने जिस भूमि पर अपना आश्रम बनाया है , वह कालीपुर गाँव की है । हिम्मतनगर नगर में आश्रम की भूमि ग्राम पंचायत की भूमि है ।
      बापू  प्रवचनों के नाम पर व्यापर करते हैं  ।  वे जहाँ प्रवचन देते हैं उसका टैंट , माइक भी अपने साथ ही लेट हैं ।  उसका पैसा अलग से वसूलते हैं । खुद को भगवन कहने वाले बापू को व्यापर से इतना प्यार है कि अपने अयॊजन के आसपास   किसी दूसरी धर्मिक पुस्तक तक को बिकने की इजाजत नहीं देते। आश्रम की पुस्तकें बिकेंगी ।  दवाएं मंजन और अगर्बतियाँ तक वही बिकेंगी जो बापू के अपने उत्पाद हों ।

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