सैकड़ों निर्दोषों को मिली बेरहम मौत के बाद खुली इन पंचों की आंख
Source: bhaskar news | Last Updated 06:22(15/07/12)
बीबीपुर. एक कोशिश है। बेटी बचाने की। अजन्मी बेटी के हक में आवाज उठाने की। आवाज भी महिलाओं ने उठाई। उनका साथ दिया खापो के चौधरियों नेइसका चमदीद बना बीबीपुर गांव।
शायद यह पहला मौका है, जब महिलाएं और पुरुष महापंचायत में एक साथ मंच सांझा कर रहे थे। वे यहां एक मत होकर बोले ही नहीं बल्कि बैठे भी साथ। एजेंडा क्लीयर है। कुछ भी हो। कन्या भ्रूण हत्या रोकनी है। सभी ने हाथ उठा कर इसका समर्थन किया। बोले बस बहुत हो गया। अब बेटियों को उनका हक दिलवाया जाएगा।
इसके लिए खाप भी अपने स्तर पर आवाज उठाएगी। महिलाएं तो खैर पहले ही इस मुहिम में जुटी है। देश में यह अपनी तरह की पहली महापंचायत है। जो किसी सामाजिक मसले पर आयोजित हुई। इससे भी खास बात यह है कि इसका आयोजन भी महिलाओं ने ही किया था।
शनिवार को बीबीपुर गांव के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रागंण में इस महापंचायत का आयोजन किया गया। इसकी अधक्षता मेजबान नौगामा खाप के कार्यकारी प्रधान कुलदीप सिंह ने की। महापंचायत का एजेंडा पहले से ही साफ था। इसलिए कोई इस मुद्दे से भटका नहीं।
रखे गए प्रस्ताव गांव के युवा हाइटेक सरंपच सुनील जागलान ने महापंचायत में दो प्रस्ताव रखे। इसमें कन्या भ्रूण हत्या पर धारा 302 और दूसरा प्रस्ताव रहा कि खाप पंचायत इस बारे में खुद जागरूग हो। दूसरों को भी इस बारे में जागरूक करें। आम तौर पर खाप के निर्णय काफी देर में होते हैं। इन पर खूब बहस भी होती है। लेकिन शनिवार को जैसे ही प्रस्ताव पेश किया गया। सभी एकमत से इसे पास करने के मूड में थे। हाथ उठा कर इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया। सुझाव भी दिए गए : कानून इस समस्या का हल नहीं है। इसके लिए सामाजिक अंदोलन भी चलाने की आवश्यकता है।
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