Wednesday, July 4, 2012

दबंग सत्कार कमज़ोर दुत्कार

क्या कहूं ????????????
दबंग सत्कार कमज़ोर दुत्कार
दुनिया का दस्तूर  शुरू से ही
सुनते आए सदियों से ही हम
आज भी वही तो देख रहे हैं
ताकत का  बोलबालाआज भी
पैंटागन की  धोंस  दिखाते हैं
कमजोर  देशों  को हैं डराते
पैसा मेहनत लूट ये हैं कमाते
फिर पैसे के दम  पर  हमको
 सुबह शाम ये ऑंखें  दिखाते
वातावरण का सत्यानाश किया
कुदरत के साथ खिलवाड़ किया
लोग भी समझते चाल  उनकी
दस बीस दबंग हम अस्सी को 
बांटकर  मौज  उड़ाते रहते हैं
पांच  के  हिस्से एक आता  है 
तख्तोताज  रातों रात बदलता
फिर  नए शोषक आते हैं यहाँ
सिलसिला जारी  है अभी तो
कब सोचेगी जनता कि क्या
विकल्प है इस खेल का यारो ।

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