Jul 15, 06:45 pm
जागरण संवाददाता, रोहतक : चिकित्सा क्षेत्र में प्रवेश पाने वाली परीक्षाओं में सख्ती जरूरी है। ढिलाई के चलते कई बार कुछ गलत विद्यार्थियों का चयन होने की आशंका बनी रहती है। ये विद्यार्थी चिकित्सक की पढ़ाई के दौरान व बाद में मानव जाति को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह बात हेल्थ विश्वविद्यालय के कुलपति ने रविवार पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
डॉ. सांगवान ने कहा कि सेल्फ फाइनेंस मेडिकल कॉलेज के लिए आयोजित पीएमटी प्रवेश परीक्षा में 10 फर्जी परीक्षार्थियों का पकड़ा जाना चिंता का विषय है। उन्हें खुशी है कि विवि की टीम ने गलत लोगों की पहचान कर उन पर नकेल कसी है। यह घटना चिकित्सा क्षेत्र में गड़बड़ी कर रहे लोगों के लिए सबक होगी। उनका प्रयास है कि संस्थान की ओर से सही व काबिल बच्चों को ही चिकित्सा की पढाई करने का अवसर मिले। उन्होंने बताया कि इससे पहले वर्ष 2009 में में भी 31 फर्जी परीक्षार्थियों के मामले सामने आए थे। इस दौरान जांच टीम ने सात विद्यार्थियों को परीक्षा देते समय व बाकी को काउंसलिंग के दौरान काबू किया था। इन पर मामला कोर्ट में विचाराधीन है। कुलपति ने बताया कि रविवार परीक्षा के पहले सत्र में पकडे़ गए 10 आरोपियों को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। उन्होंने दसों युवकों पर अनफेयर का चार्ज लगाते हुए मामले की शिकायत पुलिस को दे दी है। अब इस मामले की जांच पुलिस विभाग द्वारा की जाएगी। वहीं संस्थान निदेशक डॉ. चांद सिंह ढुल ने बताया कि संस्थान की तैयारियां फर्जी उम्मीदवारों को नहीं बचा सकती है। जो किसी वजह से परीक्षा देने में सफल हो जाते हैं वे हर हाल में काउंसलिंग में धरे जाएंगे। इस मौके पर डॉ. सरला हुड्डा, डॉ. आरएस दहिया, डॉ. संजय कुमार, सुरक्षा अधिकारी बादाम सिंह, पीआरओ कार्यालय से राजेश भड़ आदि उपस्थित थे।
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