Friday, July 27, 2012

लिव इन रिलेशन शिप

लिव इन रिलेशन शिप का रिवाज बढ़ता आवै सै|| 
ब्याह व्यवस्था किसी म्हारी इस्पै सवाल उठावै सै || 
परिवार म्हारे सामन्तवादी पुरुष प्रधानता छाई रै 
महिला की कदम कदम पै हो वै इसमें रूसवाई रै
 ब्याह टूटै एकली महिला पै तलाक का ठप्पा छावै सै || 
पुरुष का कुछ ना बिगडै समाज मैं पूरा सम्मान रहै 
 महिला फिरती मारी मारी किस तै दिल की बात कहै 
सड़ी गली ब्याह संस्था तैं औरत कुछ मुक्ती पा वै सै || 
 लिव इन रिलेशन शिप मैं दोनूं आं की सहमति च लै 
 जिब कमजोरी अव्ज्य तो न्यारे हों मैं कुछ ना ख लै 
 आने आले बख्तों मैं खाप इस्पै के समझ बनावै सै || 
पुरुष प्रधान वयवस्था तै या बढानी सबनै दूरी सै 
 ब्याह संस्था का जनतंत्रीकरण यो घणा जरूरी सै 
 कहै रणबीर बरोने आला फ्री सेक्श छानता जावै सै || --

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