Jul 14, 07:21 pm
जागरण संवाद केंद्र, जींद : सर्व खाप महिला विंग की अध्यक्ष संतोष दहिया ने कहा कि भ्रूणहत्या जैसे मुद्दों पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है। उन्होंने मंच के माध्यम से सवाल उठाते हुए कहा कि आज 90 प्रतिशत महिलाएं अपनी जमीन अपने भाई के नाम कर देती है, लेकिन कितने ऐसे भाई हैं, जो अपनी जमीन अपनी बहनों के नाम करती है। उसके बावजूद कन्याओं की गर्भ में हत्या होती है। वह शनिवार को बीबीपुर गांव में आयोजित सर्व खाप महापंचायत को संबोधित कर रही थी।
हम अपनी प्रापर्टी का 10 प्रतिशत हिस्सा बेटियों पर पूरी जिंदगी में खर्च करते हैं और बाकी 90 प्रतिशत बेटों को दे देते हैं, क्या यह सही है? यह एक विचारणीय मुद्दा है। आज बेटी गर्भ में ही नहीं बल्कि समाज में असुरक्षित है। अधिकतर महिलाएं तो इसी वजह से ही गर्भ में ही महिलाओं को मार देती है। वह नहीं चाहती कि जो पीड़ा उसने सही, वहीं पीड़ा उसकी बेटी बाहर आकर सहे। इसलिए जरूरत है कि आज महिलाओं को सुरक्षा प्रदान की जाए, जो समाज दे सकता है।
खानपुर कलां विश्वविद्यालय से आई प्रोमिला मलिक ने कहा कि आज खापों की बदौलत ही उनकी क्षेत्र में शिक्षा का ज्यादा प्रचार हुआ है। यदि खाप निर्णय नहीं लेती तो आज उनका क्षेत्र शिक्षा हब नहीं बनता।
हरियाणा स्वतंत्रता सैनिक सम्मान समिति के पूर्व चेयरमैन स्व. राम सिंह जाखड़ की पत्नी मुख्तयारी देवी ने कहा कि आज महिलाओं को आगे आने की जरूरत है। कन्या भ्रूण हत्या जैसी घिनौनी सामाजिक कुरीति को दूर करने होगा। महिलाओं को स्वयं जागृत होकर अपने भ्रूणहत्या के खिलाफ आवाज उठानी होगी। गांव की बुजुर्ग महिला संतोष ने कहा कि मंच के माध्यम से जो निर्णय लिए गए हैं, वह अमल में लाने होंगे।
कविता के जरिये सुप्रिया ने रखे अपने विचार
सर्व खाप महापंचायत में राजकीय महाविद्यालय की प्राध्यापिका प्रियंका ढाडा ने कविता के जरिये अपने विचार रखे। उसने कविता में कहा कि कोर्ट में एक अच्छा मुकद्दमा आया, एक सिपाही एक कुत्तै नै लेके जज धोरे आया, कुत्ते के मुंह में खून लग रहया था। कविता के माध्यम से भ्रूणहत्या पर ऐसे मार्मिक कटाक्ष किए कि लोगों ने दातो तले अंगुली दबा ली। कविता में बताया गया कि किस प्रकार एक महिला ने भ्रूण फेंक दिया, जिसे खाने कुत्ता पहुंच गया। कुत्ते को देखकर भ्रूण मुस्कराया तो कुत्ता सूंघते हुए महिला के घर पहुंचा। जहां वह महिला से भ्रूण को फेंकने के बारे पूछा तो महिला ने भी कहा कि मजबूरी में उसने ऐसा काम किया। बाद में बातचीत में सुप्रिया ने कहा कि आज हरियाणा प्रदेश में महिलाओं की स्थिति बदली है। मा-बाप अपनी लड़कियों को पढ़ा रहे है। वो डबल एमए है और भ्रूणहत्या व सामाजिक बुराइयों पर जहा भी आवाज उठाई जाती है वो वहा बढ़चढ़ कर भाग लेती है।
उनकी इस कविता को मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा गत 20 जून को 46 हजार रुपये का पुरस्कार भी दिया जा चुका है। वो आगे भी ऐसे आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लेंगी।
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