Tuesday, May 22, 2012
Monday, May 21, 2012
माओवादी क्यूकर बताई
माओवादी क्यूकर बताई या बात बूझना चाहूं मैं
तानाशाही तो भुंडी हो सै मैडम थामनै या समझाऊँ मैं ||
थारे कहने भर तैं मैडम नहीं मैं माओवादी होज्यांगी
थामनै खोया आप्पा अपना मैं क्यूं अपना आप्पा खोज्यांगी
बौखलाहट अच्छी ना होंती धुर तैं ए सुनती आऊँ मैं ||
बंगाल पूरा थारे ऊपर उम्मीद पूरी लारया मैडम
हटा कामरेडों नैं थाम नै यो सिर पै बिठारया मैडम
इसे राही चालें गयी तो कामरेड उलटे आंते दिखाऊँ मैं ||
किस आधार पै दिया तगमा एक बै मने बता दयो नै
इतना जानना हक़ मेरा पर्दा इसतैं इब उठा दयो नै
तानाशाही तो भुंडी हो सै मैडम थामनै या समझाऊँ मैं ||
कलकत्ते मैं गुस्सा थारा मैडम देख्या दुनिया सारी नै
एक सवाल तै बानावें देखो माओवादी माल्या बिचारी नै
कहै रणबीर सिंह बरोने आला सोच कै छंद बनाऊं मैं ||
Sunday, May 20, 2012
एक आश्वासन
एक आश्वासन
निराश मतना होईये बेटी दिखा दे तूं बन कै नै चिंगारी ||
पाछै मतना हटिये जंग तैं छोरी निगाह तेरे पै टिकारी ||
हरयाणा मैं महिलावाँ नै आजादी का बिगुल बजा दिया
खेलां मैं चमकी दुनिया मैं शिक्षा मैं आगै कदम बढ़ा दिया
dialectis का नियम यो दूजी ताकत पीछे नै धिकारी ||
घबरायीयो मतना होंश राखियो संघर्ष बिना गुजारा ना
बाहर भी खतरा घर मैं खतरा यो दिल ठुकता म्हारा ना
दुखती राग पै पां टेक दिया आज दिल तैं जनता पुकारी ||
इंसानियत बचानी सै मिल कै हम सब कसम नयों खावाँ
गुण दोष के आधार पर परखां नहीं जात गोत पै जावाँ
कहना आसान पर करना औखा मुश्किल आज्याँ घनी भारी ||
आज मजबूत संगठन बनाकै हम अत्याचार मिटावांगे
नए नव जागरण की हम घर घर मैं अलख जगा वांगे
कहै रणबीर बरोने आला थारा साथ देवैगा यो प्रचारी ||
शाबाश बहादुर वीरांगनाओ
शाबाश बहादुर वीरांगनाओ
खानपुर की लड़कियों नै जम कै विरोध जताया रै
शाबाशी थाम सब नै देऊँ मिलकै कदम बढाया रै
बदमाश ठेकेदारों के खिलाफ थामनै आवाज उठाई
बलात्कारियो कितै ल्हुक्ल्यो इब थारी श्यामत आयी
दबंगों की पहोंच सै कसूती पंजा फेर बी लड़ाया रै ||
आज बिना आवाज उठायें लफंगे बसन नहीं देवैं
आज बिना आवाज उठायें लफंगे बसन नहीं देवैं
चुप रहकै सहती रही तो इस चुप्पी का फायदा लेवैं
मजबूती तैं खडी रहियो एकता मैं दम बताया रै ||
लडाई मैं जोश की साथ होंश भी जरूरी बतावें सें
लाम्बी लडाई चालैगी या कई बै लड़ाकू थकज्यावें सें
वे हरा नहीं सकते जो संगठन मजबूत बनाया रै ||
पूरे हरयाणा की लड़कियों नै इब आगे आना होगा हे
पूरे हरयाणा की लड़कियों नै इब आगे आना होगा हे
इन बदमाशों को मिल कै सही सबक सिखाना होगा हे
कहै रणबीर बरोने आला टोह कै नै छंद ल्याया रै ||
Saturday, May 19, 2012
Friday, May 18, 2012
मुख्य मंत्री बणन का नुस्खा
मुख्य मंत्री बणन का नुस्खा
एक बै दो मंत्री चर्चा करण लागरे थे अक चीफ मिनिस्टर क्यूकर बनया जा ? पहला बोल्या - इस बात का डां ना ठा वै |भीतां कै भी कान होंसैं | जै मुख्य मंत्री नै बेरा लागग्या तो या झंडी आली कार बी जांदी रेहगी | दूसरा बोल्या - मुख्य मंत्री नै क्यूकर बेरा लागैगा? पहला बोल्या -के बेरा इस साइंस का? जिब रिमोट कंट्रोल तैं माणस मारया जा सकै तो रिमोट कंट्रोल तैं म्हारी बात क्यूं नहीं सुनी जा सकदी ? दूसरा बोल्या - बात तो सही सै पर के सारे हरयाणा मैं रिमोट कंट्रोल फिट कर राखे होंगे ? अपां इन्द्री के रेस्ट हॉउस मैं चाल कै बात करांगे| पहला बोल्या --जै म्हारी कारों मैं ए किमै फिट कर राख्या होगा तो के करांगे ? दूसरा बोल्या - सारा सरकारी स्टाफ छोड़ दयां सां अर कार बी छोड़ दयांगे फेर म्हारी बात क्यूकर लीक होज्यगी ? अर आपां लोटे नून गेरल्याँ सां अक इन बातां का किसे तीसरे माणस आ गै जिकरा नहीं करांगे |
पहलया बोल्या - फेर सिक्योर्टी का मामला आ ज्यागा | दोनूं बहोतै घने लाचार हुए | पेट पा टटन नै होरया अर बात नहीं कर सकदे | आछे साके होए | करैं तो के करैं ? माहौल गरमा रया सै बेरा ना कद मांह कै कोए दा मार ज्यागा अर या चीफ मिनिस्टर शिप फेर कानों के धोरे कै लिकड़ ज्यागी | दोनों कोठी के बाहरले बगड़ मैं आगे | उसतैं पहलम अपने सारे लत्ते बी बदले | सोच्ची कदे लत्याँ मैं किमें ना धर राख्या हो | बगड़ मैं भी देख्या कोए ट्रांसमीटर तो फिट नहीं कर राख्या सै | पहला मंत्री बोल्या- एक बै मुख्य मंत्री रंगीले मूड मैं बैठ्या था| म नै बख्त बिचार कै बूझ लिया - साहब जी के कारण सै अक धरती चाहे न्यून तैं न्यून होज्या फेर मुख्य मंत्री आ पै बनो सो ? लोग नयों कह वें सें अक इबकै थारा पत्ता कटन आला सै | म नै तो दो करोड़ की शर्त ला ली अक म्हारे मुख्य मंत्री जी का पत्ता कोनी कट सकदा | फेर के था साहब तो फ़ैल ग्या अर मेरे ताहीं सारे दां पेच समझावन लाग्या| नयों बोल्या अक ये बाल घाम मैं ओंये थोड़े धोले कर राखे सें | एक खास नुस्खा त्यार करया सै जिसका पेटेंट बस मेरे धोरै सै ज्याहें कर कै ह़िर फिर कै मैं ए चीफ मिनिस्टर बनूँ सूँ | हो सकै सै इस्ते बढ़िया नुस्खे आला मेरै बी धोबी पिछाड मार सकै सै | झोंक झोंक मैं बताग्या पूरा नुस्खा | मैं तो अपने दिल पै लिखदा चाल्या गया | फेर उसकी समझ मैं आई अक हो तो गलती गयी अर मेरे पाँ पकड़ कै नयों बोल्या -- लाग दार मेरे जीवतें जी इस नुस्खे नै अजमा कै मतना देखिये | म नै भी सैड दे सी राम की सूँ खाई अक आपके रैह्नते किस की मजाल जो मुख्य मंत्री बणन की सोच्चै| फेर भाई म नै इब यो नुस्खा अजमा कै जरूर देखना सै | पहला मंत्री एकै साँस मैं इतनी बात कह ग्या |
दूसरा मंत्री बोल्या -- तों साठ तैं ऊपर जा लिया अर मेरी तो इ बै चालीस बरस की ए उम्र सै | मैं तो इ बै सबर कर ल्यूँगा फेर ओ नुस्खा तो बता कितै कोए उक चूक होगी तो नुस्खा तेरी ए गेल्याँ दफ़न हो ज्यागा | मुख्य मंत्री तो तोंये बनिए फेर एक आध साथी भी तो चाहियेगा | पहला मंत्री बोल्या -- तनै बता कै मैं अपने पाहयाँ पै कुलहाड़ी क्यूं मारूं ? दूसरा बोल्या -- जै तेरै इब हार्ट अटैक होज्या तो गया ना नुस्खा तेरी गेल्याँ | तेरे बालकों नै धरती भिड़ी हो ज्यागी | मैं तो तेरा आगे का राह बांधूं था | पहला मंत्री नुस्खा बता वन लाग्या ---दस तोले सही सही तोल कै चोर बाजारी के बीज होने चाहियें | पाँच तोले खुद गरजी की जड़ हों |छः तोले रिश्वत खोरी के पत्ते हों | तीस तोले कोरी गप शप हों | इन सब नै मोम जस्ते मैं गेर कै खूब बारीक करकै अर इसमें पाँच तोले दगा की भस्म मिला दी जा | इस तरियां यो कुल छप्पन तोले माल बनगया| चार तोले की एक पुडिया बाना कै त्यार करली जा| पाँच तोले बुजदिली , चार तोले फूल खुसामद , तीन तोले मक्कारी , दो तोले बेकूफी के पत्ते कूट कर कै , कपड छान कर कै पार्टी बाज़ी के पानी मैं तीन मिहने भिगोयी जा वें अर फेर आछी ढाल इसकी चटनी बनाई जा | या चटनी बानगी चौदा तोले |
पन्दरा तोले अंधेर गर्दी की ख़ाल हो पर निखालिस हिन्दुस्तानी हो , ५० तोले छान कै , लूट के पानी मैं काढ़ा ले कै पुडिया अर चटनी मिला कै इनकी दो दो तोले की गोली बना ली जा वें | बस दवाई त्यार सै |
इसके सेवन का तरीका बी खास सै अर अपने ढंग का सै | यो बी याद राखना बहोत जरूरी सै | इन गोलियां का इस्तेमाल छब्बीस जनवरी , पन्दरा अगस्त नै तो करया ए करया जा | दूसरा बोल्या-- गोली गरम पानी गेल्याँ खानी अक सीले पानी की गेल्याँ ? पहला बोल्या - इतना अधीर क्यों हो सै | ठगी का पाईया शरबत ले कै अर सबकी आंख बचा कै दो गोली खानी पड़ेंगी | दूसरा बोल्या - नुस्खा तो सै बढ़िया पर अष्टा बी बहोत लागे सै | पहला बोल्या - अष्टा क्यूकर ? ये सारी चीज तो थोक मैं मिलैं सें बस रोल्ला तो इनके अनुपात का सै | दूसरा बोल्या - इनके खाए तैं बेडा पार हो ज्यागा ? पहला बोल्या - अधम बीचालै मतना टोकै | सेवन विधि पूरी हो लेनदे | बीच मैं भूलगया तो नाश हो ज्यागा | दूसरा चुप हो कै पहले की बात और बी ध्यान तैं सुनन लाग ग्या |सेवन करण खातर राज घाट पै जाना होगा अर मौसम देख कै एक की समाधी पै माथा टेकना पडेगा | उस समाधी के सो चक्कर काट कै मन -मन मैं दिल्ली की कुर्सी पै बैठे माणस की जै सात बरियाँ बोलनी पडैगी | गोली खा कै प्रेम मैं सिर झुकाना पड़ेगा| दूसरा बोल्या - इब मेरै पक्की जन्चगी तों मुख्य मंत्री जरूर बनैगा | कति मुंह जुबानी घोट रया सै नुस्खे नैं |मेरे तो आछी तरियां याद बी कोन्या हुया | मनै लिखवा दे | पहला बोल्या - इबै नहीं लिखवाऊँगा मुख्य मंत्री बने पाछै |
Tuesday, May 8, 2012
एक महिला की पुकार
एक महिला की पुकार
खत्म हुई सै श्यान मेरी , मुश्किल मैं सै ज्यान मेरी
छोरी मार कै भान मेरी , छोरा चाहिए परिवार नै ||
पढ़ लिख कै कई साल मैं मनै नौकरी थयाई बेबे
सैंट्रो कार दी ब्याह मैं , बाकी सब कुछ ल्याई बेबे
घर का सारा काम करूँ , ना थोड़ा बी आराम करूँ
पूरे हुक्म तमाम करूँ , औटूं सासू की फटकार नै ||
पहलम मेरा साथ देवै था वो मेरे घर आला बेबे
दो साल पाछै छोरी होगी फेर वो करग्या टाला बेबे
चाहवें थे जाँच कराई ,कुनबा हुया घणा कसाई
मैं बहोत घनी सताई , हे पढ़े लिखे घरबार नै ||
जाकै रोई पीहर के महँ पर वे करगे हाथ खड़े
दूजा बालक पेट मैं जाँच कराण के दबाव पड़े
ना जाँच कराया चाहूं मैं, पति के थपड़ खाऊँ मैं
जी चाहवै मर जाऊं मैं , डाटी सूँ छोरी के प्यार नै ||
दूजी छोरी होगी सारा परिवार तन कै खड्या हुया
नाराजगी अर गुस्सा दिखे सबके मुंह जडया हुया
अमीर के धोरै जाऊं मैं ,अपनी बात बताऊँ मैं
रणबीर पै लिखाऊँ मैं , बदलां बेढंगे संसार नै ||
Monday, May 7, 2012
YUVA LADKE AUR LADKEE
साम्राज्यवाद के निशाने पै युवा लड़के और लड़की
बेरोजगारी हिंसा और नशा घंटी खतरे की खडकी
सही बातों तैं धयान हटा कै नशे का मंतर पकडाया
लड़की फिरती मारी मारी समाज यो पूरा भरमाया
ब्यूटी कंपीटीसन कराकै देई लवा ऐश की तडकी ||
निराशा और दिशा हीनता दे वें चारों तरफ दिखाई
बात बात पै हर घर के महँ मचरी सै खूब लडाई
सल्फाश की गोली खा कै करैं जीवन की बंद खिड़की ||
युवा लड़की की ज्यान पै शाका पेट मैं शाका छाया
रोज हिंसा का शिकार बनैं ना साँस सुख का आया
वैश्यावृति घनी फैलाई जनून जड़ ये फ़ैली बड़ की ||
एक तरफ सै चका चौंध यो दूजी तरफ अँधेरा
दिन पै दिन बढे यो संकट ना दिखे जमा सबेरा
रणबीर सिंह विरोध करेँ हम बजी ला कै धड की ||
Sunday, May 6, 2012
Rajender Sharma ji
इक खास हरयाणवी sunday mail दोस्तों के लिए
पूरी कर ली मैंने पढ़ाई,
फेर भी नौकरी मिली न भाई,
मिली न नौकरी भारी स दिल,
री मेरी माँ इब घनी मुश्किल,
यो ठान ली मैन्न्ने इब तो,
मण्डली एक बनाऊ गा,
दो चार चेलिया पांच दस चेले,
छेने चिमटे बजाऊ गा,
घना चोखा बिजेनस मेरी माँ,
मैं बाबा हो जाऊ गा।
री री मैं बाबा हो ......................
तीन चार महीने मा बोलन बैठन पहरन का ढंग आ जावे,
क्योकर लेना मोटा चंदा ख़ास चेला सारा ही आप समझावे,
किसी नेता घेल सांठ गांठ करू जो बीच बैठा कमीशन खावे,
भगवत गीता रामायण ने पानी पी पी रटा लगाऊ गा,
मसालेदार कथा कहानी एक्शन के साथ सुनाऊ गा।
री मेरी मैं बाबा हो।......................................................................
"रैना"
पूरी कर ली मैंने पढ़ाई,
फेर भी नौकरी मिली न भाई,
मिली न नौकरी भारी स दिल,
री मेरी माँ इब घनी मुश्किल,
यो ठान ली मैन्न्ने इब तो,
मण्डली एक बनाऊ गा,
दो चार चेलिया पांच दस चेले,
छेने चिमटे बजाऊ गा,
घना चोखा बिजेनस मेरी माँ,
मैं बाबा हो जाऊ गा।
री री मैं बाबा हो ......................
तीन चार महीने मा बोलन बैठन पहरन का ढंग आ जावे,
क्योकर लेना मोटा चंदा ख़ास चेला सारा ही आप समझावे,
किसी नेता घेल सांठ गांठ करू जो बीच बैठा कमीशन खावे,
भगवत गीता रामायण ने पानी पी पी रटा लगाऊ गा,
मसालेदार कथा कहानी एक्शन के साथ सुनाऊ गा।
री मेरी मैं बाबा हो।......................................................................
"रैना"
Saturday, May 5, 2012
Thursday, May 3, 2012
kimai to socho
खरी खोटी
रणबीर
पूरे गांव में यह चर्चा का विषय बन गया। कुछ पुरुष कह रहे हैं कि क्या इस गांव को अमरीका बनाओगे? पुरुषों का खासा हिस्सा यही चाहता था कि कमला रामफल भाई-बहन बन जाएं। मगर औरतों का बड़ा हिस्सा इसके खिलाफ था। कई औरतों ने कहा-अब यह कैैसे हो सकता है? वे आपस में बातें करती हैं और क्या कहती हैं भला- पेट मैं पलै साथ मैं क्यों तुम दो ज्यानां नै मार रहे। गया बदल जमाना क्यूं पाप की माला गल मैं डाल रहे? बालक का रिश्ता के होगा भाण-भाई बनावैं सैं। भाण-भाई के रिश्ते कै बी क्यों कालस लगावें सै। गाम में जो बड़े पंचायती वे घणे दुष्कर्म करावें सैं। छेड़खानी-बलात्कार पै ना कदे पंचायत बुलावै सैं। कंस रूपी ये पंचायती बिकलाने मैं पिना धार रहे। राठी और दहिया बीच ब्याह ये णुरतै होत्ते आये सै। चौटाला गाम मैं कई नै आपस मैं ब्याह रचाये सैं। हरेक गाम मैं गोत पन्दरा गये आज ये गिनाये सैं। किस किसनै बचावांगे ये सवाल गये ईब ठाये सैं। क्यों इन मासूमां ने बिना बात के फांसी तार रहे।। परम्परावादी सोतै बैल की खेती ल्यादी हटकै रै। जंग लागै चाकू तै ओरनाल काटो सब डटकै रै। पुराना घाघरा कड़ै गया गोत क्यों थोरे अटकै रै। इतने गोत क्यूंकर बचैंगे बात म्हारै योह खटकै रै। ना पुराना ठीक सारा इसपै नहीं कर विचार रहे। इतनी प्यारी छोरी लाग्गै क्यों पेट मैं इनै मार रहे? खरीद कै ल्याओ यू पी तै जिब ना गोत विचार रहे। ब्याह-शादी मुश्किल होरे ना नये नियम धार रहे। गोतां की सीमा ये टूटैंगी लोग खड़े-खड़े निहार रहे। रणबीर बरोनिया पै पंचायती पिना ये तलवार रहे। सरोज कमला की बचपन की दोस्त सै। वा कैनेडा मैं सै। वह एक वेबसाइट पर कमला के बारे में जानकारी हासिल करले सै। अंग्रेजी के अखबार ‘दि ट्रिब्यून "में भी खबर पढ़ै है। वह कमला के बारे में बड़ी चिंतित हो जाती है। वह कमला को एक पत्र लिखती है। क्या लिखती है भला-रोज पढूं खबर कमला अंग्रेजी के अखबार मैं। महिला फांसी तोड़ी जावैं बिकलाने के दरबार मैं। संविधान की खुल कै नै पंचायत नै धज्ज्यिां उड़ाई हैं। राजनैतिक नेतावां नै चुप्पी मामले मैं खूब दिखाई है। जमा शरम नहीं आई है जहर मिलाया घरबार मैं। प्रशासन खडय़ा देखै क्यों मेरै समझ नहीं आया हे। संविधान का चौड़े मैं पंचायत नै मजाक उडाया है। ना कोए कदम ठाया है इस झझर की सरकार नै।
कोर्ट मैं ब्याह करया था पंचायत नै आज तोड़ दिया। भाण-भाई का उसनै इसमैं ब्यर्थ नाता जोड़ दिया। रामफल जमा मरोड़ दिया गोतां की तकरार नै। परम्परावादी रूढि़वादी रणबीर ये नाश करैंगे हे। आगली पीधी के बालक घाटा किस ढाल भरैंगे हे। के बेरा कितने लोग मरैंगे हे पंचायतां की हुंकार मैं। दस गामां पंचायत के अध्यक्ष गांव बरवाना के प्रणान कर्मबीर को जब पता लगता है इस फैसले का तो उन्हें बहुत दुख होता है। वे इस तालिबानी फरमान से सहमत नहीं। के कहवैं सै भला- अठगामा पंचात राठी की बिकलाना फरमान गल्त बतावै। बरवाना का प्रणान कर्मबीर कोन्या सुर मैं सुर मिलावै। दसगामे नै कोए लेना-देना ना तालिबानी फरमान तै। राठी दहिया मैं ब्याह होवैं चाहूं बताया हिंदुस्तान तै। बण कसाई इंसान तै क्यूं बिकलाना घणी णौंस दिखावै। राठी दहिया के छोरा-छोरी आपस मैं खूब बयाह रचावैं। कोए बन्दिश कोन्या पंचायती हम खोल कै नै बात बतावैं। हम बिकलाने मैं समझावैं सडांण फैसले मैं तै घणी आवै। कमला-रामफल पति-पत्नी भाण-भाई बनाना ठीक नहीं। संविधान सै भारत का इसका मजाक उड़ाना ठीक नहीं। उत्पात मचाना ठीक नहीं इस ढाल की बात सुनावै। निजाम पुर गाम दिल्ली मैं उड़ै जाकै खुद देख लियो। पिछड़ी समझदारी त्याग कै उड़ै जाकै माथा टेक लियो। चौबीस नै फैसले नेक कियो रणबीर बरोनिया समझावै।
पूरे गांव में यह चर्चा का विषय बन गया। कुछ पुरुष कह रहे हैं कि क्या इस गांव को अमरीका बनाओगे? पुरुषों का खासा हिस्सा यही चाहता था कि कमला रामफल भाई-बहन बन जाएं। मगर औरतों का बड़ा हिस्सा इसके खिलाफ था। कई औरतों ने कहा-अब यह कैैसे हो सकता है? वे आपस में बातें करती हैं और क्या कहती हैं भला- पेट मैं पलै साथ मैं क्यों तुम दो ज्यानां नै मार रहे। गया बदल जमाना क्यूं पाप की माला गल मैं डाल रहे? बालक का रिश्ता के होगा भाण-भाई बनावैं सैं। भाण-भाई के रिश्ते कै बी क्यों कालस लगावें सै। गाम में जो बड़े पंचायती वे घणे दुष्कर्म करावें सैं। छेड़खानी-बलात्कार पै ना कदे पंचायत बुलावै सैं। कंस रूपी ये पंचायती बिकलाने मैं पिना धार रहे। राठी और दहिया बीच ब्याह ये णुरतै होत्ते आये सै। चौटाला गाम मैं कई नै आपस मैं ब्याह रचाये सैं। हरेक गाम मैं गोत पन्दरा गये आज ये गिनाये सैं। किस किसनै बचावांगे ये सवाल गये ईब ठाये सैं। क्यों इन मासूमां ने बिना बात के फांसी तार रहे।। परम्परावादी सोतै बैल की खेती ल्यादी हटकै रै। जंग लागै चाकू तै ओरनाल काटो सब डटकै रै। पुराना घाघरा कड़ै गया गोत क्यों थोरे अटकै रै। इतने गोत क्यूंकर बचैंगे बात म्हारै योह खटकै रै। ना पुराना ठीक सारा इसपै नहीं कर विचार रहे। इतनी प्यारी छोरी लाग्गै क्यों पेट मैं इनै मार रहे? खरीद कै ल्याओ यू पी तै जिब ना गोत विचार रहे। ब्याह-शादी मुश्किल होरे ना नये नियम धार रहे। गोतां की सीमा ये टूटैंगी लोग खड़े-खड़े निहार रहे। रणबीर बरोनिया पै पंचायती पिना ये तलवार रहे। सरोज कमला की बचपन की दोस्त सै। वा कैनेडा मैं सै। वह एक वेबसाइट पर कमला के बारे में जानकारी हासिल करले सै। अंग्रेजी के अखबार ‘दि ट्रिब्यून "में भी खबर पढ़ै है। वह कमला के बारे में बड़ी चिंतित हो जाती है। वह कमला को एक पत्र लिखती है। क्या लिखती है भला-रोज पढूं खबर कमला अंग्रेजी के अखबार मैं। महिला फांसी तोड़ी जावैं बिकलाने के दरबार मैं। संविधान की खुल कै नै पंचायत नै धज्ज्यिां उड़ाई हैं। राजनैतिक नेतावां नै चुप्पी मामले मैं खूब दिखाई है। जमा शरम नहीं आई है जहर मिलाया घरबार मैं। प्रशासन खडय़ा देखै क्यों मेरै समझ नहीं आया हे। संविधान का चौड़े मैं पंचायत नै मजाक उडाया है। ना कोए कदम ठाया है इस झझर की सरकार नै।
कोर्ट मैं ब्याह करया था पंचायत नै आज तोड़ दिया। भाण-भाई का उसनै इसमैं ब्यर्थ नाता जोड़ दिया। रामफल जमा मरोड़ दिया गोतां की तकरार नै। परम्परावादी रूढि़वादी रणबीर ये नाश करैंगे हे। आगली पीधी के बालक घाटा किस ढाल भरैंगे हे। के बेरा कितने लोग मरैंगे हे पंचायतां की हुंकार मैं। दस गामां पंचायत के अध्यक्ष गांव बरवाना के प्रणान कर्मबीर को जब पता लगता है इस फैसले का तो उन्हें बहुत दुख होता है। वे इस तालिबानी फरमान से सहमत नहीं। के कहवैं सै भला- अठगामा पंचात राठी की बिकलाना फरमान गल्त बतावै। बरवाना का प्रणान कर्मबीर कोन्या सुर मैं सुर मिलावै। दसगामे नै कोए लेना-देना ना तालिबानी फरमान तै। राठी दहिया मैं ब्याह होवैं चाहूं बताया हिंदुस्तान तै। बण कसाई इंसान तै क्यूं बिकलाना घणी णौंस दिखावै। राठी दहिया के छोरा-छोरी आपस मैं खूब बयाह रचावैं। कोए बन्दिश कोन्या पंचायती हम खोल कै नै बात बतावैं। हम बिकलाने मैं समझावैं सडांण फैसले मैं तै घणी आवै। कमला-रामफल पति-पत्नी भाण-भाई बनाना ठीक नहीं। संविधान सै भारत का इसका मजाक उड़ाना ठीक नहीं। उत्पात मचाना ठीक नहीं इस ढाल की बात सुनावै। निजाम पुर गाम दिल्ली मैं उड़ै जाकै खुद देख लियो। पिछड़ी समझदारी त्याग कै उड़ै जाकै माथा टेक लियो। चौबीस नै फैसले नेक कियो रणबीर बरोनिया समझावै।
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