यहाँ मैं एक बात और स्पष्ट कर दूँ कि डॉ. आंबेडकर जी का ऋण केवल एक वर्ग है ऐसा नहीं है। महिलाओं के अधिकारों की उनकी लड़ाई प्रत्येक भारतीय महिला के लिए थी फिर चाहे वह किसी भी जाती विशेष की हो। स्वतन्त्र भारत का व्यापारी वर्ग यदि आज सारे भारत में व्यवसाय करने का अधिकार रखता है (कुछ उन परिस्थितियों में नहीं रखता जब राज्य सरकारें कुछ व्यवसायों की वृद्धि करने के लिए इस अधिकार को सीमित कर देती हैं) तो वह भी इसलिए है क्योंकि डॉ. आंबेडकर जी ने संविधान में ऐसे प्रवधानों की रचना की और ज़ोर देकर उन्हें संविधान में रखवाया। आज यदि भारत के एक राज्य का नागरिक स्वतंत्रता से किसी दूसरे राज्य में जा कर नौकरी या व्यवसाय कर सकता है तो यह भी इसलिए है कि संविधान के निर्माण के समय डॉ. आंबेडकर जी ने ही ऐसे प्रवाधानों को ज़ोर देकर संविधान का हिस्सा बनवाया क्योंकि उनका मानना यह था कि यदि एक राज्य से दूसरे राज्य में जा कर काम करने की स्वतंत्रता नहीं होगी तो इससे लोगों में अखंड भारत की भावना को ठेस पहुंचेगी। आज भारत के किसी राज्य में यदि अत्याधिक उपद्रव फैलता है तो केंद्र के पास बल प्रयोग का अधिकार है। यह भी इसलिए है क्योंकि डॉ. आंबेडकर जी ने ऐसे प्रावधान को ज़ोर देकर संविधान में रखवाया था। उनका मानना था कि यदि केंद्र के पास यह शक्ति नहीं होगी तो इससे भारत में उन लोगों के निजी स्वार्थों पर नियंत्रण रखना मुश्किल हो जाएगा जिनसे अखंड भारत के स्वरूप को खतरा पहुँच सकता है। ऐसे अनगिनत उपकार डॉ. आंबेडकर जी के भारत के हर नागरिक पर हैं फिर चाहे वह किसी भी जाती या धर्म से हो। आप डॉ. आंबेडकर जी को अपना उद्धारकर्ता माने या न माने, वही आपके उद्धारकर्ता हैं यह इतिहास के पन्नों में दर्ज है। आप उनके इस ऋण को स्वीकारें या नहीं स्वीकारें पर आप उनके ऋणी हैं यह इतिहास के पन्नों में दर्ज है। आप उन्हें पढ़े या न पढ़े पर आनेवाले समय में आपके भले के लिए ही वह लिख कर गए हैं, यह भी स्पष्ट है।
तो, आपको यह समझना होगा कि आप कैसे बौद्धिक विकास कर सकते हैं। डॉ. आंबेडकर जी को पढ़ना इस कार्य के लिए एक पर्याय है क्योंकि इससे आप उस श्रेष्ठ व्यक्ति को पढ़ेंगे जिसने आपके लिए इतना कुछ किया। उनकी सोच आपमें सामाजिक विचारों को पैदा करेगी। उनके बौद्धिक विकास से आपका बौद्धिक विकास भी होगा। उन्होंने परेशानियां झेली और मुक्ति के मार्ग खोजे। उनके मार्ग आपके काम भी आ सकते हैं। उनके उपाय निजी नहीं थे बल्कि सबके हित में थे इसलिए आपको भी ऐसे उपाय नज़र आएँगे जो आपका और औरों का विकास कर सके। उनका ज्ञान भविष्य के लिए है। वह आपके आनेवाले कल के लिए हैं। आपको आनेवाले कल में गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए। आपकी संतानों को बौद्धिक सम्रद्धि देने के लिए। जिन्होंने भी डॉ. आंबेडकर जी को पढ़ा उनके परिवार में बौद्धिकता का प्रवेश हुआ है। यह एक सत्य है। आपको भी इस सत्य को खोजना है। तो फिर प्रण लें कि आप लतों से दूर होने के लिए बौद्धिकता का विकास करेंगे और डॉ आंबेडकर जी को जरूर पढ़ेंगे। - जय भीम, निखिल सबलानिया
पुस्तकों की सूचि इस लिंक से देखें https://www.facebook.com/nikhil.sablania/posts/10211541088831585
फोन 📲 +918527533051
No comments:
Post a Comment