Friday, April 5, 2013

पायरिल्ला की बीमारी

पायरिल्ला की बीमारी 
सन छतीस का जिकर सुणो पायरिल्ला बीमारी आगी रै । 
ईंख की सारी की सारी फसल या कसूती तरियाँ खागी रै ।
गंडे तैं गुड़ नहीं बन पाया कोड़ियां के दाम बिक्या राला 
किसानों मैं हां हां कार माचगी होया कुनबे के जी नै चाला 
आगले साल गंडा ना  बोया दिल मैं भय की छाया छागी रै । 
बर्बादी मैं कसर रही ना इलाके मैं हाहाकार मच्या 
अडतीस उनतालीस मैं  अकाल नै तांडव आन रच्या 
स्कूल कालेज सब बंद होगे चोट घनी कसूती लागी रै । 
खेती खराब पूरे इलाके की  भुखे मरे ये किसान सारे 
बेजमीन्याँ की बुरी हालत फिरते दिन रात मारे मारे 
पेड़ों के पत्ते पशु खावनते खूंटे तड़वा गावड़ी भागी रै । 
देश स्तर पै आजादी की जंग अपना जोर पकड री थी 
 दुसरे महा युद्ध की आशंका दुनिया नै जकड़ री थी 
लिखै रणबीर बारोनिया इन बातां की रागनी सागी रै ।  

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