ईश्वर किसे कहते हैं
पृथ्वी सिंह बेधड़क
भगवन कभी ना याद करे , पर दुखिया की इमदाद करे
और पापी को बर्बाद करे , भगवन उसी को कहते हैं
मंदिर मस्जिद गिरजे अन्दर किसी समय नहीं खुदा रहे
इनमें खुद बताने वाला सदा खुद से जुदा रहे
वह खुद तो अन्दर मुंडा रहे , उसका मालिक ना खुदा रहे
खात ऊपर गुदगुदा रहे , बेइमान उसी को कहते हैं ॥ १॥
देश की रक्षा की खातिर जो अपनी बोटी बोटी दे
जिससे मनुष्य तरक्की करता वह सब मुफ्त कसौटी दे
भूखे को एक दो रोटी दे नंगे को फटी लंगोटी दे
रहने को कोई त्म्बोती दे , धनवान उसी को कहते हैं ॥ २॥
खर्च काटकर देश के हित में अपनी सारी कमाई दे
प्रथम श्रेणी में लड़का जो उसकी सारी पढ़ाई दे
बादाम रगड़ ठंडाई दे सर्दी में सौड़ रिजाई दे
निर्धन को मुफ्त दवाई दे लुकमान उसी को कहते हैं ॥ ३॥
रोटी कपडे मकान को जो भाई बटवारा कर देगा
ग्राम ग्राम कुछ भूमि छोड़ वहां गऊ का चारा कर देगा
घर घर में हरा कर देगा , एक सार गुजर कर देगा
जो ऐसा इशारा कर देगा ,प्रधान उसी को कहते हैं ॥ ४॥
देश के हर बच्चे को जो पूरी तालीम दिला देगा
दयानंद की तरह से वह फिर मुर्दा देश जिला देगा
उजड़ा चमन खिला देगा जो बिछड़े भाई मिला देगा
और प्याला प्रेम पिला देगा , इंसान उसी को कहते हैं ॥ ५ ॥
विकट रूप कर कभी कभी जिस जगह वह आया करता है
बड़े कीमती पेड़ जड़ों से वह फाड़ बगाया करता है
सर्वस्व मिटाया करता है और आग लगाया करता है
जहाज डुबाया करता है , तूफ़ान उसी को कहते हैं ॥ ६ ॥
चुनाव में जो कांग्रेस के बक्से खाली कर देगा
पृथ्वी सिंह बेधड़क कहे वह दूर कंगाली कर देगा
घर घर में खुशाली कर देगा एक शान निराली कर देगा
जो मिनिस्टर हाली कर देगा उत्थान उसी को कहते हैं ॥ ७॥
पृथ्वी सिंह बेधड़क
भगवन कभी ना याद करे , पर दुखिया की इमदाद करे
और पापी को बर्बाद करे , भगवन उसी को कहते हैं
मंदिर मस्जिद गिरजे अन्दर किसी समय नहीं खुदा रहे
इनमें खुद बताने वाला सदा खुद से जुदा रहे
वह खुद तो अन्दर मुंडा रहे , उसका मालिक ना खुदा रहे
खात ऊपर गुदगुदा रहे , बेइमान उसी को कहते हैं ॥ १॥
देश की रक्षा की खातिर जो अपनी बोटी बोटी दे
जिससे मनुष्य तरक्की करता वह सब मुफ्त कसौटी दे
भूखे को एक दो रोटी दे नंगे को फटी लंगोटी दे
रहने को कोई त्म्बोती दे , धनवान उसी को कहते हैं ॥ २॥
खर्च काटकर देश के हित में अपनी सारी कमाई दे
प्रथम श्रेणी में लड़का जो उसकी सारी पढ़ाई दे
बादाम रगड़ ठंडाई दे सर्दी में सौड़ रिजाई दे
निर्धन को मुफ्त दवाई दे लुकमान उसी को कहते हैं ॥ ३॥
रोटी कपडे मकान को जो भाई बटवारा कर देगा
ग्राम ग्राम कुछ भूमि छोड़ वहां गऊ का चारा कर देगा
घर घर में हरा कर देगा , एक सार गुजर कर देगा
जो ऐसा इशारा कर देगा ,प्रधान उसी को कहते हैं ॥ ४॥
देश के हर बच्चे को जो पूरी तालीम दिला देगा
दयानंद की तरह से वह फिर मुर्दा देश जिला देगा
उजड़ा चमन खिला देगा जो बिछड़े भाई मिला देगा
और प्याला प्रेम पिला देगा , इंसान उसी को कहते हैं ॥ ५ ॥
विकट रूप कर कभी कभी जिस जगह वह आया करता है
बड़े कीमती पेड़ जड़ों से वह फाड़ बगाया करता है
सर्वस्व मिटाया करता है और आग लगाया करता है
जहाज डुबाया करता है , तूफ़ान उसी को कहते हैं ॥ ६ ॥
चुनाव में जो कांग्रेस के बक्से खाली कर देगा
पृथ्वी सिंह बेधड़क कहे वह दूर कंगाली कर देगा
घर घर में खुशाली कर देगा एक शान निराली कर देगा
जो मिनिस्टर हाली कर देगा उत्थान उसी को कहते हैं ॥ ७॥
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