Friday, April 5, 2013

दबंग का आतंक

दबंग का आतंक 
आतंक का माहौल रचा कै ये दबंग गवाह डरालें । 
डरै नहीं तो पीस्से दे कै ये सारे गवाह मुकरवालें ।
असल मैं तो कोए मानस खिलाफ कोन्या खडया होवै  
हो भी जावै कोए साहमी  तो दबंग के कसूते हमले ढोवै 
राजनितिक दबाव बनाकै कुछ दिन मैं केस ठवालें । 
भ्रष्ट अफसर भ्रष्ट नेता या भ्रष्ट पुलिस साथ दे वै 
ये नुक्सान घना करदें शिकायत कर्ता  खुद खे वै
पायां के गूंठे  लवा लवा कै झूठे केस दर्ज करवा लें । 
सारी बाताँ का बेरा सभनै मुंह कोए ना खोल रहया 
समाज की चुप्पी कर कै पूरा ताना बाना डोल रहया 
ऐकले ऐकले मानस कैसे इज्ज़त आबरू बचा लें । 
बेरा सब नै हरियाणा मैं  पीस्से लेकै काम करै 
बिल्ली कै घंटी कौन बान्धै कौन बखेड़ा तमाम करै 
कहै रणबीर तोड़ो चुप्पी आओ अपना संगठन बना लें । 


  

No comments:

beer's shared items

Will fail Fighting and not surrendering

I will rather die standing up, than live life on my knees:

Blog Archive