Tuesday, April 16, 2013

बावली बूच

                                                           बावली बूच 
रमलू आर ठमलू पक्के यारी । एक दिन रामलू बोल्या - काल पार्टी सै साँझ कै तनै जरूर आना सै । अगले दिन ठमलू सिंगर कै पहोन्च ग्या रमलू कै घरां । हैरान रहगया देखके टाला दरवाजे पै । एक पर्ची टंगरी थी -- किसी पार्टी ठमलू तेरा तो आज बावली बूच बना दिया मनै । वा  पर्ची पाड़ बगाई अर नयी पर्ची टांग  दी -- बेटा मने के बावली बूच बनावैगा , मैं तो तेरे घरां आया ए कोण्या । 




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