सहमे दलित नहीं लोटना चाहते
मिर्चपुर !
कहीं और बसाने को सरकार
तैयार नजर नहीं आती भला क्यों ?
गनमैन तैनात कर दिए सुरक्षा को
किस से किसकी सुरक्षा की बात
गाँव की गाँव में इंसानों के बीच
इतनी दूरियां आखिर क्यों बढीं ?
क्या गनमैन की सुरक्षा मात्र से
उन परिवारों की भूख मिट पायेगी
क्या उनके बच्चे कभी पढ़ पाएंगे ?
बीमारी का इलाज गनों के साये में
आखिर कब तक किया या करवाया
जा सकता है ?
सोचने की बात है एक तरफ तो
बर्गर और पिज्जा की भरमार है
दूजी तरफ जीने की ही दरकार है
गाँव में किसान का अकेला पण
खेत मजदूर का होता बिखराव
हम इसे देख ही नहीं पा रहे शायद
या ये संकट देखना ही नहीं चाहते
मगर ये देखना तो होगा ही जरूर
और कोई विकल्प नहीं तुम्हारे पास !
मिर्चपुर !
कहीं और बसाने को सरकार
तैयार नजर नहीं आती भला क्यों ?
गनमैन तैनात कर दिए सुरक्षा को
किस से किसकी सुरक्षा की बात
गाँव की गाँव में इंसानों के बीच
इतनी दूरियां आखिर क्यों बढीं ?
क्या गनमैन की सुरक्षा मात्र से
उन परिवारों की भूख मिट पायेगी
क्या उनके बच्चे कभी पढ़ पाएंगे ?
बीमारी का इलाज गनों के साये में
आखिर कब तक किया या करवाया
जा सकता है ?
सोचने की बात है एक तरफ तो
बर्गर और पिज्जा की भरमार है
दूजी तरफ जीने की ही दरकार है
गाँव में किसान का अकेला पण
खेत मजदूर का होता बिखराव
हम इसे देख ही नहीं पा रहे शायद
या ये संकट देखना ही नहीं चाहते
मगर ये देखना तो होगा ही जरूर
और कोई विकल्प नहीं तुम्हारे पास !
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