Saturday, August 9, 2008

LIFE STYLE

शराब भी नहीं पीते तो क्यों इस संसार में आये तुम |
तुमने छेड़ छाड़ भी न की तो क्यों नहीं पछताए तुम |
मारो खाओ हाथ ना आओ जीवन का दस्तुर यही,
इस दस्तुर को दोस्त मेरे कयों ना निभा पाये तुम |
चोरी जारी नहीं करना सीखा तो क्या खाक जवानी,
जेल की सजा नही काटी ना शहीद कहलाए तुम |
दो तीन लड़कियां नहीं भकाई रहे कोरे के कोरे
समय से पीछे क्यों रहे ना अखबारों में छाये तुम |

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Will fail Fighting and not surrendering

I will rather die standing up, than live life on my knees:

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