पन्दरा अगस्त का दिन लाखां ज्यान खपा कै पाया ||
सारी कौमां नै लडी लडाई जिब जा कै यो दिन थ्याया ||
ठारा सौ सतावन मैं आजादी की पहली जंग हुई
फिरंगी सता देख लडाई लन्दन मैं थी दंग हुई
भारत की सरकार उनकी कुछ दिन तो अपंग हुई
फांसी चढ़ाये जुलम करे इन्सानियत गोरी नंग हुई
देख एकता हिन्दू मुसिलम की फिरंगी था घबराया ||
जात मजहब पै बांट दिये कसूती चाल फिरंगी की
न्यारे न्यारे करकै पीटे बनी फूट ढाल फिरगी की
भारत देश का नाश करैगी गोरी खाल फिरंगी की
म्हारे देश मैं हटकै जमी या टकसाल फिरंगी की
हिन्दू मुसिलम बैरी बनाये यो कत्लोगारत करवाया ||
चालाक शातिर धोखेबाज अत्याचारी शैतान घणे
सैंतालिस मैं इन करकै ये भारत पाकिस्तान बणे
लडे जो सतावन मैं मिलकै उनके हथियार तणे
मार काट करवाई कसूती मरगे कई हजार जणे
लाश बिछगी देश टूटग्या न्यों देश आजाद कराया ||
गोरे गये काले आगे मेहनत करी हिन्दुस्तानी नै
खेतां की तसवीर निखारी मेहनतकश किसानी नै
औरत नै गैल कदम बढाये भूल अपनी परेशानी नै
तरक्की बहोत हुई मारे बंटवारे की मनमानी नै
रणबीर सौ मैं पन्दरां नै आजादी का फयदा ठाया ||
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Will fail Fighting and not surrendering
I will rather die standing up, than live life on my knees:
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