Wednesday, January 2, 2013

aaj ke daur kee chunoti

सामंती विचार को , असली आधुनिकता को, और विकृत आधुनिकता को समझ कर ही किसी नैतिक मुद्दे को सही ढंग से समझा जा सकता है । सामंती विचार विकृत आधुनिकता की आड़ में अपने को प्रासंगिक ठहराता आया है । सामंती सड़ांध और पूंजीवादी सड़ांध का मुकाबला आधुनिक विचार से ही हो सकता है ।
रणबीर 

No comments:

beer's shared items

Will fail Fighting and not surrendering

I will rather die standing up, than live life on my knees:

Blog Archive