औरंगजेब की सेना का सेनापति जय सिंह था जो शिवाजी के विरुद्ध लड़ा था | औरेंग्जेब ने राजा जय सिंह को मिर्जा की उपाधि दी थी | औरंगजेब की सेना में हिन्दू सैनिकों की संख्या मुसल मानों से कहीं अधिक थी | औरंग जेब और शिवाजी की लडई कभी भी हिन्दू और मुस्लमान की लडाई नहीं रही | यह मुगलों और मराठों की लडाई भी नहीं थी | बहुत से इज्जतदार मराठा सरदार हमेशा मुगलों की सेना में रहे | सिंद खेद के जाधव राव के अलावा कान्होजी शिर्के , नागोजी माने, अवाजी ढल, राम चंदर और बहीर जी पंढेर आदि मराठा सरदार मुगलों के साथ रहे |
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