Sunday, November 6, 2011

विश्वनाथ मंदिर क्यों तोड़ा ?????

साम्प्रदायिक लोग औरंगजेब के बारे में कहते हैं की उसने धर्मिक घृणा के कारण मंदिरों को गिराया , जबकि ऐतिहासिक तथ्य कुछ और ही सच्चाई बताते हैं | वाराणसी का विश्वनाथ मंदिर औरंग जेब ने क्यों गिराया ? इसके बारे में डा- पट्टाभि सीतारमैया ने दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर अपनी पुस्तक "दि फैदर्स एंड दि स्टोंस " में इस तथ्य का वर्णन इस प्रकार किया है ---
विश्वनाथ मंदिर के बारे में कहानी यह है की एक बार जब औरंगजेब बंगाल जाने के लिए वाराणसी से गुजर रहा था तो उसके साथी हिन्दू राजाओं ने अनुरोध किया की यदि वहां एक दिन विश्राम कर लिया जाये तो उनकी रानियाँ गंगा में स्नान करके भगवान विश्वनाथ के दर्शन कर सकती हैं | रानियों ने पालिकाओं में यात्रा की | उन्होंने गंगा में स्नान किया और पूजा के लिए विश्वनाथ मंदिर गयीं | पूजा के बड़ सभी रानियाँ वापस लौट आई , लेकिन कच्छ की रानी वापस नहीं आई | पूरे मंदिर में तलाश की गयी लेकिन रानी कहीं नहीं मिली | जब औरंगजेब को पता चाला तो आग बबूला हो गया | उसने रानी की खोज करने के लिए बड़े आधिकारियों को भेजा | अन्तत: उन्हें पता चाला की दीवार में जड़ी गणेश की मूर्ति को इधर उधर सरकाया जा सकता था | जब मूर्ति को हटाया गया तो उन्हें तहखाने जाने वाली सीढियां मिलीं | वहां रानी को रोते हुए पाया | उसकी इज्जत लूटी जा चुकी थी | तहखाना ठीक भगवान की मूर्ति के नीचे था | राजाओं ने इस जघन्य अपराध के लिए कड़ी सजा की मांग की | औरंगजेब ने आदेश दिया क़ि पवत्र स्थान को अपवित्र कर दिया गया है | भगवान विश्वनाथ को किसी दूसरे स्थान पर ले जाया जाये और महंत को गिरफ्तार करके सजा दी जाये |--------

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