Saturday, June 16, 2012

EK SAWAL

मैं अपने हिन्दू भाईयों से पूछना चाहता हूँ की आप हिन्दू  धर्म  की निंदा की तो चिंता करते हैं किन्तु अपने शुद्र अतिशूद्र भाईयों को दिया ही  क्या है ? तुम्हारे अलावा एन्य धर्मावलम्बियों ने अपने अपने सहधर्मियों को समानता  दी है. मानवता दी है ,भाईचारा दिया है और न्याय दिया है , प्यार दिया है , ममता दी है । आखिर करोड़ों की संख्या में कहाँ से आ गए ये मुस्लमान , ईसाई और सिख ? सवर्ण हिन्दुओं की हैवानियत,अमानवीय दबाव ,असमानता ,पराधीनता , घृणा ,छुआ छात , कपट पूर्ण व्यव्हार तथा अन्याय के कारण ही करोड़ों अछोत मुस्लमान ,ईसाई ,तथा  सिख बने और ये इस जहालत भरे नारकीय धर्म को छोड़ गए 

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Will fail Fighting and not surrendering

I will rather die standing up, than live life on my knees:

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