मैं अपने हिन्दू भाईयों से पूछना चाहता हूँ की आप हिन्दू धर्म की निंदा की तो चिंता करते हैं किन्तु अपने शुद्र अतिशूद्र भाईयों को दिया ही क्या है ? तुम्हारे अलावा एन्य धर्मावलम्बियों ने अपने अपने सहधर्मियों को समानता दी है. मानवता दी है ,भाईचारा दिया है और न्याय दिया है , प्यार दिया है , ममता दी है । आखिर करोड़ों की संख्या में कहाँ से आ गए ये मुस्लमान , ईसाई और सिख ? सवर्ण हिन्दुओं की हैवानियत,अमानवीय दबाव ,असमानता ,पराधीनता , घृणा ,छुआ छात , कपट पूर्ण व्यव्हार तथा अन्याय के कारण ही करोड़ों अछोत मुस्लमान ,ईसाई ,तथा सिख बने और ये इस जहालत भरे नारकीय धर्म को छोड़ गए
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