देश के चौतरफा विकास के लिए जरूरी विराट प्राकृतिक संसाधनों -- भरपूर किर्शी योग्य भूमि, सिंचाई क्षमताओं , तमाम किस्मों की फसलों के लिए विभिन्न इलाकों की अनुकूल स्थितियां ] विपुल खनिज संसाधन और साथ ही विदुत उत्पादन की वृहद क्षमताओं से , भारत मालामाल है | भारत की विशाल जनशक्ति, भारतीय जनता की वईज्ञानिक , तकनीकी , प्रबंधकीय व बौधिक योग्यताएं , जबरदस्त क्षमताओं के भंडार हैं | इन क्षमताओं के विकास के बजाय , राजसत्ता हासिल करने वाले बड़े पूंजीवादी वर्ग ने , ऐसे पूंजीवादी विकास का रस्तव अपनाया , जो उसके अपने संकीर्ण हितों को पूरा करता था |
औरतें और भी जटिलताओं का सामना करती हैं
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