जात का बाना, माणस अन्घाना, राच्छ जंग खाना, दुःख देज्या
तिरछा लखाना, बेढब खाना , यो ढीला नयाना , दुःख देज्या
ठाडे की यारी ,रख की चिंगारी ,घर मैं जुआरी दुःख देज्या
मुफ्त की दारू, यो नारा हिलारू, बालक कै छारु दुःख देज्या
सीमेंट मैं रेत, बुआई मैं पछेत, यो रेही आला खेत दुःख देज्या
गले मैं फांसी , बेमौके की हांसी, या रोटी बास्सी दुःख देज्या
माणस लालची , बेकूफ मशालची बेईमान खजांची दुःख देज्या
दिल मैं काला, बेमौसम का पाला, रुक्या पतनाला दुःख देज्या
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