Saturday, September 3, 2011

YUVA LADKIYAN


आज भारत देश का आर्थिक , सामाजिक,सास्कृतिक,राजनैतिक व मानवीय पहलू एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहे हैं वातावरण का बड़े स्तर पर प्रदूषण भी कम चुनौती नहीं है हम एक चौतरफा संकट के दौर से गुजर रहे हैं उदारीकरण और वैश्विकरण हमारे संकटों को दूर करने की "राम बाण" दवाई के रूप में पेश किये गए मगर हम देख रहे हैं कि एक तरफ  भारी आर्थिक संकट, बेरोजगारी , छंटनी ,महंगाई ,लूट खसौट है और दूसरी और अपराध , छेड़खानी , बलात्कार , अपहरण , खरीद फरोख्त व दहेज़ कि जबरदस्त मर पद रही है ऐसी विकट परिस्थिति में महिलाएं व विशेष रूप से युवा लड़कियां बहुत ही तनाव , घुटन व असुरक्षा के माहौल में जी रही हैं

मौजूदा समय में इस समाज को अगर लड़कियों की नजर से देखें तो एक बड़ा हिस्सा समाज कामानसिक बीमारी से ग्रस्त दिखाई पड़ता है न छोटी बच्चियां सुरक्षित हैं ,न ही ७०-८० साल की ये बुजुर्ग औरतें कोई रिश्ता ऐसा नहीं बचा जो कलंकित न हुआ हो जयादातर लड़कियां उन्हीं के द्वारा धोखेबाजी का शिकार हुई जिन पर उन्होनें सबसे जयादा विश्वास किया आज जब आधे से अधिक बलात्कार स्वमं घरों में अपने सगे सम्बन्धियों व् परिचितों द्वारा किये जा रहे हैं तो अभिभावकों की अपनी बच्चियों के प्रति चिंता स्वाभाविक ही है एक शिक्षक का रिश्ता जो सबसे अधिक पवित्र मन जाता है , वह भी दागदार हुआ है|

इस  समय आप देखें तो हरयाणा में सामाजिक मूल्यों में  भरी गिरावट दिखाई पड़ती है I अपसंस्कृति की महामारी को आक्रामक ढंग से विस्तार दिया जा रहा है I बाजारी   संस्कृति के फूहड़ दृश्य ,ग्लेमर की दुनिया की चकाचौंध ,नयी नयी कारें, मोबाईल , कैसिनो , नंगी फ़िल्में , पोर्नोग्राफी, घटिया साहित्य, घटिया  कैसेट , स्त्रियों से  सम्बंधित घटिया चुटकले , हरयाणवी पॉप म्यूजिक , साइबर कैफे के नाम पर सैक्स की दुकानें -- ये हैं आज के दौर के मनोरंजन के साधन I इसकी वजह से समाज निरंतर  गिरावट की और जा रहा है, जिसका खामियाजा महिलाओं और  खासकर युवा लड़कियों को भुगतना पड़  रहा है I 
लड़कों के लिए नशे के नए पैकेज हैं I  नशेडी बनाओ , सब्ज बाग दिखाओ  I  मारो खाओ  , हाथ ना आओ I
लड़के माफिया बने हुए हैं I  यह विडम्बना है की इस उर्जा वान तबके (लड़के व् लड़कियां ) को स्वस्थ समाज के बनाने का कम नहीं दिया गया I  प्रेम के नाम पर क्रूरता का जनून है I  तेजाब फैंकना इत्यादि सैंकड़ों उदाहरण मिल जायेंगें I  युवतियों का जीवन और भी मुस्किल हुआ है I घर में , स्कूल में , कालेज में , बस में सफ़र करते हुए , बाजार में , नौकरियों में व् अन्य कार्य स्थलों पर I




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