Friday, September 30, 2011

बटन लगा दियो

एक बै लहरू के पेट मैं जोर का दर्द उठग्या

डाक्टर नै आपरेशन करण की कह दी
लहरू परेशन करवाके घर नै आग्या
पर दर्द ठीक कोन्या हुया
लहरू डाक्टर के धोरै फेर गया
तो डाक्टर नै फेर परेशन करण की कहदी
करवा लिया परेशन
पाँच सात दिन ठीक रहया पर फेर दर्द होग्या
डाक्टर बोल्या फेर परेशन की जरूरत सै
डाक्टर के कहाँ पै लहरू तीसरी बरियाँ बी आपरेशन करवावन नै त्यार होग्या
तीसरी बार जब डाक्टर उसके पेट कै टान्क़े लावन लाग्या तो लहरू बोल्या -- डाक्टर साहब इबकै टांकयाँ की जागां बटन लगा दियो जै फेर आपरेशन करना पड़ गया तो आसानी तैं खुल ज्यांगे

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मेरी माँ ए सै

मेरी माँ ए सै



रमलू की भैंस उसकी माँ भरतो कै हाथल होगी
भरतो के बिना वा किसे नै दूध कोन्या दिया करदी
एक बार भरतो नै कितै जाना पड़ग्या वा रमलू तैं बोली - बेटा बहू नै मेरे आले लत्ते पहरा कै दूध कढवा   लिया करिए |/
साँझ नैं दूध काढन के टेम पै रमलू की बहू नै अपनी सास भरतो के लत्ते पहर लिए अर दूध काढन खातर भैंस के नीचै बैठ गी \ भैंस उसकी कान्ही कडवी कडवी सी लखाई /
उसकी खोर मैं चुन लंडा लंडा रमलू बोल्या--कढ़वाले मेर माँ ए सै / 

दुःख देज्या

जात का बाना, माणस अन्घाना, राच्छ जंग खाना, दुःख देज्या



तिरछा लखाना, बेढब खाना , यो ढीला नयाना , दुःख देज्या
 
ठाडे की यारी ,रख की चिंगारी ,घर मैं जुआरी दुःख देज्या



मुफ्त की दारू, यो नारा हिलारू, बालक कै छारु दुःख देज्या
 
सीमेंट मैं रेत, बुआई मैं पछेत, यो रेही आला खेत दुःख देज्या


गले मैं फांसी , बेमौके की हांसी, या रोटी बास्सी दुःख देज्या
 
माणस लालची , बेकूफ मशालची बेईमान खजांची दुःख देज्या



दिल मैं काला, बेमौसम का पाला, रुक्या पतनाला दुःख देज्या
 

Tuesday, September 27, 2011

देख अमेरिका

सुन अमेरिका




क्यों झेलता मंदी की मार दुनिया का सरदार अमेरिका
बैंक धरासायी हो रहे चुप क्यों समझदार अमेरिका
वंचितों के खून से बना हुआ तेरा चौबारा अमेरिका
फेल क्यों मॉडल विकास का हो गया तुम्हारा अमेरिका
गफलत    में डालने  के बहुत हथियार  तुम्हारे  पास ये  
तुम्हारी चालबाजी  का हमें हो रहा आज अहसास  ये   
इंसानियत  अंगड़ाई  फ़िर से ले रही देख अमेरिका
कफ़न  में तुम्हारी कील  का काम दे रही देख अमेरिका


Thursday, September 8, 2011

ATANKI HAMLA

Atanki hamla

आतंकी हमला दो किलोमीटर तक सुनायी दी गूँज


देश के दिल पर एक और आघात

अक्षम साबित हुई सुरक्षा व्यवस्था

ग्यारह की मौत छिहतर घायल हुए

तीन चार फूट गहरा गढा था वहां


अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल
आ ई डी भी इस्तेमाल   किया गया
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में
डाक्टर मरीज रिस्तेदार  थे बेहाल 
 हूजी की हिमाकत  यह बताई गयी 
चार लाख मुआवजे की घोषणा हुई
राहुल का अस्पताल में विरोध ये
दिखाया ग़मगीन  जनता ने क्रोध ये

Saturday, September 3, 2011

YUVA LADKIYAN


आज भारत देश का आर्थिक , सामाजिक,सास्कृतिक,राजनैतिक व मानवीय पहलू एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहे हैं वातावरण का बड़े स्तर पर प्रदूषण भी कम चुनौती नहीं है हम एक चौतरफा संकट के दौर से गुजर रहे हैं उदारीकरण और वैश्विकरण हमारे संकटों को दूर करने की "राम बाण" दवाई के रूप में पेश किये गए मगर हम देख रहे हैं कि एक तरफ  भारी आर्थिक संकट, बेरोजगारी , छंटनी ,महंगाई ,लूट खसौट है और दूसरी और अपराध , छेड़खानी , बलात्कार , अपहरण , खरीद फरोख्त व दहेज़ कि जबरदस्त मर पद रही है ऐसी विकट परिस्थिति में महिलाएं व विशेष रूप से युवा लड़कियां बहुत ही तनाव , घुटन व असुरक्षा के माहौल में जी रही हैं

मौजूदा समय में इस समाज को अगर लड़कियों की नजर से देखें तो एक बड़ा हिस्सा समाज कामानसिक बीमारी से ग्रस्त दिखाई पड़ता है न छोटी बच्चियां सुरक्षित हैं ,न ही ७०-८० साल की ये बुजुर्ग औरतें कोई रिश्ता ऐसा नहीं बचा जो कलंकित न हुआ हो जयादातर लड़कियां उन्हीं के द्वारा धोखेबाजी का शिकार हुई जिन पर उन्होनें सबसे जयादा विश्वास किया आज जब आधे से अधिक बलात्कार स्वमं घरों में अपने सगे सम्बन्धियों व् परिचितों द्वारा किये जा रहे हैं तो अभिभावकों की अपनी बच्चियों के प्रति चिंता स्वाभाविक ही है एक शिक्षक का रिश्ता जो सबसे अधिक पवित्र मन जाता है , वह भी दागदार हुआ है|

इस  समय आप देखें तो हरयाणा में सामाजिक मूल्यों में  भरी गिरावट दिखाई पड़ती है I अपसंस्कृति की महामारी को आक्रामक ढंग से विस्तार दिया जा रहा है I बाजारी   संस्कृति के फूहड़ दृश्य ,ग्लेमर की दुनिया की चकाचौंध ,नयी नयी कारें, मोबाईल , कैसिनो , नंगी फ़िल्में , पोर्नोग्राफी, घटिया साहित्य, घटिया  कैसेट , स्त्रियों से  सम्बंधित घटिया चुटकले , हरयाणवी पॉप म्यूजिक , साइबर कैफे के नाम पर सैक्स की दुकानें -- ये हैं आज के दौर के मनोरंजन के साधन I इसकी वजह से समाज निरंतर  गिरावट की और जा रहा है, जिसका खामियाजा महिलाओं और  खासकर युवा लड़कियों को भुगतना पड़  रहा है I 
लड़कों के लिए नशे के नए पैकेज हैं I  नशेडी बनाओ , सब्ज बाग दिखाओ  I  मारो खाओ  , हाथ ना आओ I
लड़के माफिया बने हुए हैं I  यह विडम्बना है की इस उर्जा वान तबके (लड़के व् लड़कियां ) को स्वस्थ समाज के बनाने का कम नहीं दिया गया I  प्रेम के नाम पर क्रूरता का जनून है I  तेजाब फैंकना इत्यादि सैंकड़ों उदाहरण मिल जायेंगें I  युवतियों का जीवन और भी मुस्किल हुआ है I घर में , स्कूल में , कालेज में , बस में सफ़र करते हुए , बाजार में , नौकरियों में व् अन्य कार्य स्थलों पर I




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Will fail Fighting and not surrendering

I will rather die standing up, than live life on my knees:

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