Friday, November 17, 2023

चे ग्वेरा

 अंतर्राष्ट्रीयतावादी क्रांतिकारी चे ग्वेरा की 

**********************************

धरती लेटिन अमेरिका क्रांति के तूफानों में,,,

**********************************

                   ,,,,,,,, मुनेश त्यागी


   अभी पिछले दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि लैटिन अमेरिका में समाजवाद मर रहा है और पूंजीवाद फूल फल रहा है, मगर जब वहां की हालात का जायजा लिया तो पता चला कि वहां पर अमेरिका का राष्ट्रपति ट्रंप झूठ बोल रहा है, पूरी जनता को गुमराह कर रहा है। वहां के आठ से ज्यादा देशों में क्रांति का तूफान उठ खड़ा हुआ है, लोग सड़कों पर आ गए हैं।वहां की सरकारों को उखाड़ कर फेंक रहे हैं और वामपंथी विचारधारा में और वामपंथी नीतियों में अपना यकीन कायम कर रहे हैं। कुछ देशों पर नजर डालना समीचीन होगा।

     इक्वेडोर ,,,,

   *********

पिछले दिनों यहां पर बहुत बड़े बड़े प्रदर्शन देखे गए हैं जिसमें दसियों लाख से ज्यादा लोगों ने भाग लिया है, लोग अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और अमेरिका द्वारा लादी गई नवउदार नीतियों का विरोध कर रहे हैं, अपनी मांगों के समर्थन में सड़कों पर हैं,

     चिली,,,, 

    ********

यहां पर बहुत बड़े-बड़े प्रदर्शन देखे गए हैं, लोग उदारवादी नीतियों का विरोध कर रहे हैं, दसों दसों लाख से ज्यादा लोग सड़कों पर हैं और साठ के दशक से भी बड़े-बड़े प्रदर्शन यहां दिखाई दे रहे हैं। लोग पूंजीवादी नीतियों का, पूंजीवादी व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं और वामपंथी नीतियों को लागू करने की मांग कर रहे हैं।

      ब्राजील,,,,

    *********

यहां  के लोग अपनी  मांगों के समर्थन में सड़कों पर हैं, शिक्षा में की गई कटौती का विरोध कर रहे हैं ,उदारवादी नीतियों का विरोध कर रहे हैं, सामाजिक सुरक्षा में जो कटौती की गई है, उसका विरोध कर रहे हैं, वहां के नेता जो दक्षिणपंथी हैं उसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं और पूर्व राष्ट्रपति लूला जो पिछले दिनों से जेल में हैं,उनका समर्थन कर रहे हैं और वे आज भी वहां के  सबसे पॉपुलर नेता हैं। 

      अर्जेंटीना,,,,

    *********** 

यहां पर पुराने राष्ट्रपति का जोरदार विरोध हो रहा है और अभी चुनाव हुए हैं जहां पर अल्बर्टो फर्नांडीस जो वामपंथी नेता हैं और जनविरोधी नीतियों का करते हैं,वह जीत कर आए हैं, जनता ने दक्षिणपंथी नीतियों को हरा दिया है और नई सरकार से मांग की है कि वे जनता की सुरक्षा करें उसकी मुक्ति के सारे कार्यक्रम लागू करें।

    बोलीविया,,,, 

   ***********

यह वही धरती है जहां पर क्रांति दूत अंतरराष्ट्रीय क्रांति के वाहक अर्नेस्टो चे ग्वेरा ने क्रांतिकारी लड़ाई लड़ी थी और यहीं पर अपने प्राण बलिदान किए थे, वहां की जनता राष्ट्रपति इवो मोरालिस के नेतृत्व में काम कर रही है एवं उसकी सरकार ने वामपंथी नीतियों को अपनाते हुए गरीबी का खात्मा कर दिया है और इस देश में इस पूरे महाद्वीप में सबसे ज्यादा आर्थिक विकास की ऊंची दर कायम की है।

    मैक्सिको,,,, 

  **********

यहां जनता भ्रष्टाचार और असमानता का जोरदार विरोध कर रही है, सामाजिक मुक्ति के कार्यक्रमों की मांग कर रही है और वहां की जनता ने दक्षिणपंथी और पूंजीवादी नेताओं को हराकर वामपंथी नेताओं को सत्ता में ला खडा किया है और जनता ने अमेरिकी प्रभुत्व को करारी मात दे दी है

    कोलंबिया,,,,

   **********

 यहां की जनता अपनी जन समर्थक और जनमुक्ति की समस्या की नीतियों को लेकर सड़कों पर हैं, लाखों लाख की संख्या विद्रोह कर रही है,यह लोग भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे हैं और वहां के निजाम द्वारा थोपी गई जनविरोधी नीतियों और नव उदारवाद की नीतियों का विरोध कर रहे हैं।

    वेनेजुएला,,,,

   **********

 यहां पर लोग सरकार के समर्थन में सड़कों पर हैं और  अपनी लोकप्रिय सरकार को बचाने में लगे हुए हैं और यहां की जनता ने एकजुट होकर अमेरिका द्वारा समर्थित कठपुतली नेता को पराजित कर दिया है और उसको तख्तापलट करने से रोक दिया है। वेनेजुएला बोलिवियन क्रांति के उद्देश्यों को आगे बढ़ा रहा है। 

     यह सब जनता की एकजुटता और एकता की वजह से कामयाब हो पाया है, वहां  के लोग यानी लैटिन अमेरिका के लोग  अमेरिकी प्रभुत्व की नीतियों का जोरदार विरोध कर रहे हैं, सुरक्षा की मांग कर रहे हैं पेंशन और रोजगार की मांग कर रहे हैं और अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा थोपी गई नवउदारवादी नीतियों का जोरदार विरोध कर रहे हैं।

    इस सब को देख कर हम कह सकते हैं कि लैटिन अमेरिका की जनता क्रांति की शरण में चली गई है और वह अपने अपने देशों में क्रांति द्वारा उपलब्ध कराए गए सबको शिक्षा, सबको रोजगार, सब को मुफ्त इलाज, सब को मुफ्त शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा,पेंशन आदि की मांग को लेकर सड़कों पर है और वह क्रांति के तूफानों के आगोश में है। 

     वह पूरी दुनिया के लोगों को दिखा रही है कि अमरीका द्वारा निर्धारित और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा थोपी गई नीतियों का विरोध किया जा सकता है और जनता की चाही सरकार किसी भी देश में कायम की जा सकती है बशर्ते कि जनता एकजुट होकर क्रांति की पांतों में आए और क्रांति के लिए अपनी मुक्ति के लिए संघर्ष में लग जाए।

      इस सब को देख कर हम यह भी कह सकते हैं कि क्रांतिकारी शहीदों  द्वारा लेटिन अमेरिका में बोए गए क्रांति के बीज अब कोंपल बन कर उगने लगे हैं। वे जनता को नई राह दिखा रहे हैं, उनमें आशा और विश्वास का संचार कर रहे हैं, पूरी दुनिया के लोगों को एकजुट होना सिखा रहे हैं और बता रहे हैं कि हम एकजुट होकर शोषण करने वालों, असमानता फैलाने वालों और समाज में नफरत और वैमनस्यता फैलाने वालों को सत्ता से दूर कर  सकते हैं और यह काम केवल और केवल क्रांतिकारी लोगों द्वारा क्रांतिकारी विचारधारा को अमल में लाकर ही किया जा सकता है।

No comments:

beer's shared items

Will fail Fighting and not surrendering

I will rather die standing up, than live life on my knees:

Blog Archive