Sunday, February 6, 2022

सांस्कृतिक आंदोलन

सांस्कृतिक आंदोलन
हिंदी प्रदेशों में सांस्कृतिक आंदोलन की बहुत जरूरत है। आज की परिस्थितियों में भाषा, साहित्य, संगीत, ललित कलाएं और  वैज्ञानिक सोच एक सही रास्ता दिखा सकते है।
यह रास्ता लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक सद्भाव, सहयोग,एकता, प्रेम और विश्वास, ईमानदारी और सच्चाई का रास्ता होगा। हिंदी प्रदेशों में सांस्कृतिक आंदोलन का  वैचारिक आधार भारतीय संविधान में वर्णित बुनियादी मूल्य और  मान्यताएं होना चाहिए।
यह आंदोलन छोटे बड़े शहरों, क़स्बों और बड़े गांव में  चलना अधिक आवश्यक है।
इस आंदोलन को संगठनों द्वारा या छोटे समूह बनाकर या व्यक्तिगत स्तर पर भी चलाया जा सकता है।
कार्यक्रम की रूपरेखा अनेक प्रकार से बनाई जा सकती है। समूह को जैसी सुविधा हो उस तरह रूपरेखा बनाई जाए।
निम्नलिखित गतिविधियां अयोजित की जा सकती हैं। अपनी अपनी रुचि/परिस्थितियों/साधनों के अनुसार समूह गतिविधियोँ का चयन कर सकते हैं।
1. सांस्कृतिक और साहित्यिक समारोह
2.सेमिनार, विचार गोष्ठियां/ रचना पाठ
3. कला और पुस्तक प्रदर्शनी
4.  नाटक का मंचन
5. पुस्तकालय आंदोलन/ पुस्तक साझा योजना
6. संगीत  सभाएं
7. बच्चों के लिए कार्यक्रम
8. पुस्तिका/ पत्रिका प्रकाशन
9. फ़िल्म/डॉक्यूमेंट्री दिखाना और उस पर बातचीत
10. स्कूल कॉलेजों के पुस्तकालयों में हिंदी की किताबें भेंट करना

यह बाधा नहीं बनना चाहिए कि मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता। जब और लोग आएंगे, समूह बनेगा तभी कुछ काम होता है। मोहल्ला स्तर पर या व्यक्तिगत रूप से भी ये  काम किए जा सकते हैं और बहुत से लोग कर भी रहे हैं।
आयोजन की योजना बनाते समय और उसे प्रभावशाली, कम खर्चीला बनाने के लिए हिंदी प्रदेशों में कार्यरत बहुत से साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संगठनों  और लोगों से मदद ली जा सकती है। जिन मित्रों को ऐसे संगठनों, संस्थानों और व्यक्तियों की जानकारी है वे इसे साझा भी कर सकते हैं।
युवा मित्र इस काम को आगे बढ़ा सकते हैं।
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