Tuesday, November 10, 2009

आज का जमाना

तेज रफ़्तार ज़माने की समझां इसकी चाल हे
नासमझी मैं उतरे बेबे म्हारी सबकी खाल हे
गफलत पडे छोड़नी करा हकां की रुखाल हे
अपना गम स्कूल अपना करें इसकी संभाल हे
म्हारे स्कूल कोलेजां पै टपकै बदेशिया की राल हे
जनता एका करकै बनैगी या मजबूत सी ढाल हे
जात पात और धरम पर करा लड़न की टाल हे
वैजानिक नजर के सहारे रचै नयी मिसाल हे
मानवता सिखर पर पहोंचे सजा पावें चंडाल हे
कार्य कारण की होवे फेर सही सही पड़ताल हे

क्या क्यों और कैसे बरगे उठें दिलों मैं सवाल हे
धार्मिक कटरता की हार होजयागी फिलहाल हे
संघर्ष करना बहोत जरूरी ठा हाथों में मशाल हे
मानवता की करें सेवा नहीं रहे कोई मलाल हे
एक दूजे का प्राणी राखै हमेश्या पूरा ख्याल हे
आए अकेले अकेले जाना बाकि सब जंजाल हे
प्रकर्ति गेल्यें करें दोस्ती पर्यावरण हो बहाल हे
पानी की कमी नही रह्वै नहीं होंगे सुने ताल हे
भूखा कोए नहीं सोवैगा नहीं पडेंगे अकाल हे
समतावादी विचार सबके नहीं मचै बबाल हे


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