Monday, August 31, 2009

हमला उनका

तुमने किया हरबार नीतियों से वार ये
जख्मे दिल दिए हैं हमको बार बार ये
नए अंदाज और नए तरीके तुम्हारे
पहले तो धीमी थी तेज हुई रफ्तार ये
सत्यम बचाओ उसके काले कामों पर
जल्दी परदा डालो तुम कहती सरकार ये
किसान की सब्सिडी पे डाका डाल रहे हैं
आतम हत्या कर रहा उजड़ी बहार ये
रणबीर अ़ब और क्या क्या गिनुं मैं
पता है सारा उनको बनते होशियार ये

1 comment:

sushil said...

Dr. Sahib good evening, aapka glog dekha, aapne glog bana kar ek achha kam kiya hai isi bahane aapki ghazlen, kavitayen our aapki ragneeyan padhne ko milengi.

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Will fail Fighting and not surrendering

I will rather die standing up, than live life on my knees:

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