बहुत बेरहम है सिस्टम गहरी नींव पे खड़ा किला
ऊपर से बहुत मुलायम भीतर से पूरा सखत मिला
बेईमानी चोरी सीना जोरी इसमे हैं दस्तूर छिपे हुए
मेहनत की लूट पे टिका नियम कुछ और लिखे हुए
ताक़तवर की पूजा होती सच ko देते बिल्कुल हिला
ईमानदारी और नैतिकता का मुखोटा लगाया इसने
ख़तम किया चालाकी से ये मुखोटा उठाया जिसने
हमने ईमानदारी बरती तो हमीं से हो गया गिला
अमीर का ताबेदार गरीब के लिए है पक्का थानेदार
जिंदगी नरक बनाता भाग्य को ठहराता जिमेदार
कहता दारू मत पीयों रोज ठेके खोल कर रहा बुला
सिरकाट कम्पीटीशन छाया है पूँजी का खे ये सारा
इंसानियत चिडियाघर मे घर का तनाव भरा नजारा
रणबीर सिंह बदलें सिस्टम सघर्ष करें मतभेद भुला
Sunday, August 23, 2009
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beer's shared items
Will fail Fighting and not surrendering
I will rather die standing up, than live life on my knees:
5 comments:
uncle its gr888888888888!!!!!!
Very well said Uncle.
sir it's true
well said sir...
thats great work sir
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