Monday, August 31, 2009

सोचो यारो

हर एक कदम पे हादसा होना सोचो तों यारो
हमारे सिस्टम में क्यों है रोना सोचो तों यारो
जो कुछ कमाया छीन लिया चालाकी से
किसी ने समझाया खेल सब बेबाकी से
कहते किस्मत मे है रोना सोचो तों यारो
किस्मत का खेल मान हमने इसको ढोया
अपनी ही खातिर ख़ुद बीज कीकर का बोया
किस्मत की मर क्यों ढोना सोचो तों यारो
दिलो दिमाग पर मेरे तों यही छाया है
आज मेरे नसीब ने मुझको बनाया है
औरों के खेलने का खिलौना सोचो तों यारो
बात समझ मे किस्मत का खेल नहीं
बिना इन्सान कोई चला सकता रेल नहीं
कुर्सी चाहती हमे भलोना सोचो तों यारो

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