*ध्यान रहें 24/6/22 को लाखों बच्चों का JEE का पेपर हैं,उनको सैंटरों तक पहुंचने में रूकावटें नहीं सहयोग करना हैं। इसलिए कोई बस,ट्रैन, व्यक्तिगत साधन कहीं भी नहीं रोका जाएगा।*
अग्निपथ के शांतिपूर्ण विरोध को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ का पूरजोर समर्थन24/6/22 को सभी नजदीकी,टोल नाकों, तहसील, सबडिवीजन व डीसी दफ्तरों पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा अग्निपथ के विरोध में होने वाले विरोध प्रदर्शनों में बढ़ चढ़ कर भाग लेंगे सभी शिक्षक व कर्मचारी।
सरकार चाहती है कि युवा बहकावे में तोड़फोड़ करें, आगजनी करें, संपत्ति को नुक्सान करें....ऐसे मौकों पर पुलिस मुक दर्शक बनी खड़ी रहेगी ताकि युवाओं की जायज मांगों के विरोध में जनभावनाओं को भड़काया जा सके। प्राइवेटाइजेशन व उदारीकरण करने वाले सरकारें चाहती हैं कि संघर्षरत लोगों व जनता को आपस में लडा़कर, कार्पोरेट की लूट जारी रखी जाए। परन्तु अब बेरोजगार युवा, मजदूर, किसान ,शिक्षक व कर्मचारी सरकार की इस चाल को समझते हैं। अग्निपथ को वापिस लेने तक आन्दोलन चलेगा, परन्तु शांतिपूर्ण तरीके से,किसान आंदोलन की तरह सभी का सहयोग लेते हुए चलेगा। मुसाफिरों की सहायता के लिए टोल नाकों पर विद्यार्थियों के लिए फ्री टोल की सुविधाएं करवातें हुए प्रदर्शन किते जाएंगे।
ध्यान रहे अपने घर के काम व ड्यूटी करते हुए,युवा, दुकानदार, मजदूर किसान,शिक्षक व कर्मचारी जहां भी हो, वहीं अपने नजदीकी प्रदर्शन में जरूर से जरूर शामिल हो। अग्निपथ अकेले फौज के प्राइवेटाइजेशन का,फौज के पद व पैंशन के प्राइवेटाइजेशन का मसला,या युवाओं की मान सम्मान व रोज़ी रोटी का ही मसला नहीं है, बल्कि यह देश की सुरक्षा व संप्रभुता का भी मसला हैं। अंबानी, अडानी, रामदेव,भाजपा व RSS का इतना दुस्साहस हमारी नासमझी,फूटप्रस्ती,मौन रहने व जुल्म सहने के कारण ही हो पाया है।गले तक पानी इसलिए आया क्योंकि
हम नोटबंदी के समय चुप रहे,जिससे 3 लाख कंपनियों के बंद होने से 2 करोड़ रोजगार छीन गये
गलत GST के समय चुप रहे
बिना तैयारी के हत्यारे लाकडाऊन पर चुप रहे
महंगाई पर चुप रहें
कश्मीर के असंवैधानिक बंटवारे पर चुप रहे।
असंवैधानिक व अमानवीय CAA,NRC पर चुप रहे।
इस तरह तानाशाही बढ़ती गई,हम नहीं समझे
काली शिक्षा नीति पर चुप्पी,रोड सेफ्टी बिल पर चुप्पी,बिजली संशोधन विधेयक पर मौन, रहे और भविष्य के लिए शिक्षा,बिजली व परिवहन आम जरूरत की चीजें न रह कर सिर्फ अमीरों के लिए आरक्षण का रास्ता बन गया।
अब नई स्वास्थ्य नीति ने इलाज महंगा कर आमजन को मरने के लिए छोड़ दिया है।
हम चुप रहें और मर्ज व दर्द बढ़ता गया।लुटेरी सरकार अपने मालिकों को देश की धन दौलत व सभी सरकारी विभाग बेचती चलीं गईं।साथ ही बिकते चले आते युवाओं के सपने,उनका मान सम्मान, मानवीय गरीमा व प्रतिष्ठा।बिकती चली गई पक्की नौकरी,पैंशन, गुजारें लायक वेतन व सेवाशर्त। परन्तु हम फिर भी चुप रहे,मौन रहे,जुल्म सहते रहे।हमारी यहीं सहने की शक्ति दुश्मन की लूट व तानाशाही की ताकत बनती चली गई।
इसी बढ़ती ताकत के दम पर लुटेरी भाजपा की सरकार ने RSS की मंशानुरूप हमारी आंतरिक सुरक्षा यानि पुलिस के लगभग 50कामो को प्राइवेट कर दिया, पुलिस की नौकरी भी पार्ट टाइम,10-12 हजार की,बिना पैंशन की कर दी,,, हम तब भी चुप रहे।पर कब तक... सांस रोके बैठें रहे युवा,आखिर कब तक
जब फौज के गोले बारूद, हथियार बनाने की आयुध कंपनियों को भी देशी विदेशी कार्पोरेट को बेचकर देश की सुरक्षा में बड़ी सेंध लगाई,हम तब भी चुप रहे... हमारी चुप्पी ही हमारी बर्बादी का कारण बनती चलीं गईं।
परन्तु अब और नहीं।अब फैंसला होकर रहेगा।यह आर पार की लड़ाई होनी चाहिए।
*अब युवा समझ गया है कि भाजपा व RSS उनके हिस्से के रोजगार को पूंजीपतियों की पूंजी को रोजगार देकर भरना चाहती है।यह लड़ाई 166 घर बनाम 1.1 करोड़ जनता की है।*
अग्निपथ इस आक्रोश का एकमात्र कारण नहीं है।समाज का हर तबका तंग व बेहाल है। अग्निपथ तो एक आखिरी व तत्कालीन कारण है गुस्से के फ़ूटने का।
4 साल बाद ना तो युवा भाजपा के दफ्तरों पर और ना ही कार्पोरेट की गुलामी करेगा।वह शान से देश की सेवा भी करेगा और परिवार की परवरिश भी।ये दोनों काम एक दूसरे से ऐसे गुंथे हुए हैं कि अलग अलग किते ही नहीं जा सकते हैं। परिवार की परवरिश की चिन्ता में देश सेवा नहीं हो सकती और देश की सुरक्षा- सेवा के बिना परिवार की परवरिश नहीं हो सकती हैं।
इस गलत स्कीम को लागू करने के लिए सरकार द्वारा सेना प्रमुखों से भावनात्मक ब्लैकमेलिंग तक का सहारा लेना पड़ रहा है।
ना तो ये देश कार्पोरेट का हैं,ना ही RSS का इस देश की आजादी में कोई योगदान हैं। इसलिए इसकी नीतियों के निर्धारण में भी इनकी भूमिका सहन नहीं करेगा आज का युवा। सावरकर नहीं भगतसिंह के सपनों का देश बनाने के लिए आज युवा जाग गया है।वह पढ़ेगा भी और कढ़ेगा भी।पर देशहित में पुरा काम भी करेगा और काम के पुरे दाम भी लेगा।देश का मान सम्मान व स्वतंत्रता और युवा का मान सम्मान व रोजगार अलग अलग चीजें नहीं है, बल्कि एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।एक दूसरे के बिना दोनों अधूरे हैं।
तलवें चाट, चाटुकार,58 साल तक की नौकरी कर रिटायर्ड हुए,2-3 पैंशन लेने वाले लोगों के अग्निपथ के समर्थन की साज़िश उनकी कथनी व करनी के अंतर से समझी जा सकती हैं। कार्पोरेट का समर्थन कहना ही ग़लत हैं क्योंकि उनके व RSS के इशारों पर तो यह सब देश विरोधी काम हो ही रहे हैं।
अपील है कि जायज मुद्दों के संघर्ष को साम्प्रदायिक ,दंगाई, आतंकी रंग देने वालों से बचाएं।जनता का आन्दोलन -जनता का सहयोग लेने देने से बनेगा,जनता को तंग करने से नहीं।अनजाने में अपनी उर्जा सरकार की इच्छा अनुसार देश की संपत्ति को नष्ट करने में न लगाएं।
देश के विकास यानि सबके साथ वह सबके विकास की पूर्व शर्त हैं, कार्पोरेट व RSS भाजपा का विनाश।इनके हर रंग रूप का विनाश।
No comments:
Post a Comment