दूसरी वीडियो का भी (बस स्टैंड के सामने वाले पार्क )अब तोड़ खुलासा हो रहा है । उसमें एक सिसाने का लड़का है जो कहता है की 20 हजार देकर समझौता किया । जबकि लड़कियां पैसे की बात को ख़ारिज कर रही हैं । इसमें कई बिंदु हैं जिनपर क्लैरिटी होना बहुत जरूरी है और वह एक हद तक कल के तहलका विशेष में आई भी हैं पक्ष हैं जिनको निष्पक्ष जाँच निष्पक्षता के साथ ही सामने ल सकती है । लड़कियों के साहस को दुस्शाहस के रूप में देखा जाने लगा है यह कितना दुर्भाग्य पूर्ण है ?
पहले लड़कों के समर्थन में जातीय संगठन सक्रीय होते नजर आये और आज कुछ जातीय संगठनों ने लड़कियों के समर्थन में अपनी बात रखी है । इस सारे मामले को शुरू से ही जातीय रंगत से देखने के प्रयास नजर आ रहे हैं और यह मामला इस रंगत में और रंगे जाने का भय बढ़ रहा है ।
No comments:
Post a Comment