आप चाहे माने या न माने मगर भारत के युवा लड़के और लड़कियों
को साम्राजयवाद ने बड़े ही रणनीतिक ढंग से अपने निशाने पर ले
लिया है और उसको नॉन इशूज पर लामबंद करने का एक खास
तरह का एजेंडा तैयार किया है ताकि वो अपने जीवन के और हिंदुस्तान
के असली इशूज (Positive real agende) से दूर रहे और अपनी
सकारात्मक भूमिका देश के निर्माण में न सोच सके --एक हरयाणवी
गीत के माधयम से
साम्राज्यवाद के निशाने पै युवा लड़के और लड़की
बेरोजगारी हिंसा और नशा घंटी खतरे की खडकी
सही बातों तैं धयान हटा कै नशे का मंतर पकडाया
लड़की फिरती मारी मारी समाज यो पूरा भरमाया
ब्यूटी कंपीटीसन कराकै देई लवा ऐश की तडकी ||
निराशा और दिशा हीनता दे वें चारों तरफ दिखाई
बात बात पै हर घर के महँ मचरी सै खूब लडाई
सल्फाश की गोली खा कै करैं जीवन की बंद खिड़की ||
युवा लड़की की ज्यान पै शाका पेट मैं शाका छाया
रोज हिंसा का शिकार बनैं ना साँस सुख का आया
वैश्यावृति घनी फैलाई जनूँ जड़ ये फ़ैली बड़ की ||
एक तरफ सै चका चौंध यो दूजी तरफ अँधेरा
दिन पै दिन बधै यो संकट ना दिखे जमा सबेरा
रणबीर सिंह विरोध करेँ हम बाजी ला कै धड की ||
No comments:
Post a Comment