लड़कियों को समझना होगा कि हर ऐरा-गैरा नत्थूखैरा उनके
सानिध्य
का हकदार नहीं। प्रेम की फिल्मी छवि से उबरें।आज के बाजारवाद
के
जाल को पहचानें । आपका काम, आपकी जान कीमती है। सोच
समझकर भरोसा करें। हम और कितनी जानें गवाएंगे। कई शहरों
की
असंख्य युवतियां इन कातिलों के हत्थे चढ़ रही हैं। इन्हें रोका जा
सकता
है। उन पर पूरी तरह यकीन न करके। वक्त बदला है हमें भी बदलना
होगा।
संभलना होगा ।
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