Tuesday, March 13, 2012
विवाह करा देने की धमकी: व्यंग्य
विवाह करा देने की धमकी: व्यंग्य
विवाह को भारतीय संस्कृति में जन्म मृत्यु की तरह ही एक संस्कार माना गया है। दुनिया का आधे से अधिक साहित्य इसी के आसपास घूमता रहा है। हमारी हिन्दी की फिल्में तो विवाह के बाद कहानी का 'दि एण्ड' करती रही हैं। उसी विवाह को भारतीय संस्कृति की स्वयंभू कमांडर बनी श्री राम सेना ने धमकी की तरह प्रयोग किया है। श्रीराम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने अपनी सरकार के आतिथ्य का आनन्द लेने के बाद कहा है कि वैलेण्टाइन डे पर जोड़ों को सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आना चाहिये अन्यथा उनकी जबरन शादी करा दी जायेगी।
विवाह अब धमकी में बदल गया है। असल में श्री राम सेना आरएसएस की ऐसी संतान की तरह है जिसे उसकी मातृपितृ संस्था तक ने अवैध धोषित कर दिया है। यह बिल्कुल वैसा ही जैसे अपनी संतानों के गलत आचरण के बाद कभी उसके मॉं बाप ही अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करा देते हैं कि हमने फलॉं फलॉं से अपने सारे संबंध तोड़ लिए हें और अब वह हमारा बेटा नहीं है हम उसे अपनी संपति से बेदखल करते हैं। दूसरी ओर बेटा कहता है कि हमें तो कानून पर भरोसा है।
मेरी कल्पना में कुछ दृष्य उभरते हैं। क्या संघ के वे लोग जिन्होंने श्रीराम के बाद श्रीराम सेना से भी स्वयं को अलग कर लिया है, मेरी कुछ मदद कर सकेंगे!
मैं बस में जा रहा हूँ मेरे बगल की सीट खाली है। अगले स्टाप पर एक लड़की मेरे बगल की सीट पर बैठ जाती है और उससे अगले स्टाप पर श्रीराम सेना के लाठी त्रिशूलधारी पंडित के साथ बस में चढते हैं और पंडित मंत्र पढने लगता है। मैं पूछता हूँ कि आप क्या कर रहे हैं तो वह भारतीय संस्कृति के अनुसार मुझे मॉं बहिन की अलिखनीय गालियॉं देता हुआ मुझ से पूछता है- ये क्या तेरी बहिन है? मेरे नकार के बाद वह कहता हैं तो फिर तुम साथ साथ क्यों नजर आये?
''पर मैं तो बस में चल रहा था यह लड़की अगले स्टाप से चढी और सीट खाली देख कर बैठ गयी उसमें में क्या कर सकता हूँ?'' मैं कहता हूँ
'' क्यों क्या तेरी टांगें टूट गयी हैं, तू उठ कर दूर खड़ा नहीं हो सकता था''
'' पर यदि वहॉं भी कोई लड़की आ जाती तो क्या करता?''
''तो और दूसरी जगह खड़ा हो जाता''
'' और यदि वहॉं भी कोई लाड़ली लक्ष्मी आ जाती तो?''
''तो बस से कूद जाता, पर जब हमने कह दिया था कि वैलेंटाइन डे के दिन कोई जोड़ा नजर नहीं आना, तो नहीं आना, बस! हम हिटलर को पसंद करने वाले लोग ज्यादा तर्क वितर्क में नहीं पड़ते, हमारा पूरे देश में राज्य हो गया तो हम सालों के दिमाग ही निकलवा कर रख देंगे'' श्रीराम सेना का दूसरा सैनिक मुँह पर घूंसा मार कर कहता।
दृश्य दो :
मैं स्कूटर पर जा रहा हूँ और रास्ते में एक महिला सुनसान रास्ते में लिफ्ट मांगती है क्योंकि बहुत देर से इंतजार करने के बाद भी वहॉं से कोई सवारी नहीं निकली और उसे जल्दी जाना है। मुख्यमार्ग पर आने पर फिर वही पंडित और लाठी त्रिशूलधारी मुष्टंडे पकड़ लेते हैं तथा बहिन होने ना होने की प्रश्नावली के बाद पंडित मंत्र पढने लगता है। इतने में ही दूसरे मुहल्ले के कुछ और श्रीराम सैनिक आकर रूक जाते हैं और उनमें से एक पाता है कि जिस लड़की की शादी करायी जा रही है वह तो उसकी बहिन हैं जो उन्हें बताती है कि उसने उन्हें बार बार असलियत बताने की कोशिश की पर वे ना तो कुछ मानते हैं और ना ही कुछ सुनते हैं। ऐसा लगता है कि अगर उनके पास दिमाग रहा भी होगा तो वे उसे किसी शाखा पर लटका आये हैं। उसके बाद श्री राम सेना की दो बटालियनों के बीच जो युद्ध छिड़ता है तो लगता है कि श्रीराम सेना और लवकुश के बीच युद्ध चल रहा हो।
मेरा वह पड़ोसी, जो धूमिल की उस कविता से जुड़ता हैं जिसमें कहा गया है कि
मैं सवाल पूछता हूँ कि
वह कौनसा प्रजातांत्रिक नुस्खा है
कि जिस उम्र में मेरी मॉं का चेहरा
झुर्रियों की झोली बन गया है
उसी उम्र में मेरी पड़ोसिन के चेहरे पर
मेरी प्रेमिका के चेहरे - सा लोच है
दृश्य तीन : एक बंदा
अपनी मॉं के साथ जा रहा है और उसे श्रीराम सेना वाले मिल जाते हैं और वही सवाल पूछते हैं कि ये तेरी बहिन है! उसके मना करने पर उनकी शादी कराने के लिए साथ लगा पंडित मंत्र पढऩे की तैयारी करें उसके पहिले ही वह पड़ोसी मोबाइल पर कहीं फोन कर देता है और सरकारी पार्टी के वे लोग प्रकट हो जाते हैं जिन्हें वह मंत्री और उनकी पार्टी के लिए हर महीने लाखों रूपयों की रिश्वत खिलाकर अपनी और उनकी सम्पत्ति बढा रहा है। उसके बाद बेचारी पुलिस को भी आना पड़ता है और श्रीराम सेना के सैनिकों को जिससे कोई सम्बंध न होने की घोषणा आरएसएस कर चुकी है, को कृष्ण जन्मभूमि की यात्रा करना पड़ती है।
ऐसे दृष्यों की कल्पना में बाढ सी आ रही है पर बाढ में कचरा बहुत आता है और सारी दुनिया वैसे भी बहुत सारे कचरों से परेशान है इसलिए अभी वाणी को विराम देना ही उचित है बरना श्रीराम सेना वालों को कष्ट करना पड़ सकता है।
lokjatan
विवाह को भारतीय संस्कृति में जन्म मृत्यु की तरह ही एक संस्कार माना गया है। दुनिया का आधे से अधिक साहित्य इसी के आसपास घूमता रहा है। हमारी हिन्दी की फिल्में तो विवाह के बाद कहानी का 'दि एण्ड' करती रही हैं। उसी विवाह को भारतीय संस्कृति की स्वयंभू कमांडर बनी श्री राम सेना ने धमकी की तरह प्रयोग किया है। श्रीराम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने अपनी सरकार के आतिथ्य का आनन्द लेने के बाद कहा है कि वैलेण्टाइन डे पर जोड़ों को सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आना चाहिये अन्यथा उनकी जबरन शादी करा दी जायेगी।
विवाह अब धमकी में बदल गया है। असल में श्री राम सेना आरएसएस की ऐसी संतान की तरह है जिसे उसकी मातृपितृ संस्था तक ने अवैध धोषित कर दिया है। यह बिल्कुल वैसा ही जैसे अपनी संतानों के गलत आचरण के बाद कभी उसके मॉं बाप ही अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करा देते हैं कि हमने फलॉं फलॉं से अपने सारे संबंध तोड़ लिए हें और अब वह हमारा बेटा नहीं है हम उसे अपनी संपति से बेदखल करते हैं। दूसरी ओर बेटा कहता है कि हमें तो कानून पर भरोसा है।
मेरी कल्पना में कुछ दृष्य उभरते हैं। क्या संघ के वे लोग जिन्होंने श्रीराम के बाद श्रीराम सेना से भी स्वयं को अलग कर लिया है, मेरी कुछ मदद कर सकेंगे!
मैं बस में जा रहा हूँ मेरे बगल की सीट खाली है। अगले स्टाप पर एक लड़की मेरे बगल की सीट पर बैठ जाती है और उससे अगले स्टाप पर श्रीराम सेना के लाठी त्रिशूलधारी पंडित के साथ बस में चढते हैं और पंडित मंत्र पढने लगता है। मैं पूछता हूँ कि आप क्या कर रहे हैं तो वह भारतीय संस्कृति के अनुसार मुझे मॉं बहिन की अलिखनीय गालियॉं देता हुआ मुझ से पूछता है- ये क्या तेरी बहिन है? मेरे नकार के बाद वह कहता हैं तो फिर तुम साथ साथ क्यों नजर आये?
''पर मैं तो बस में चल रहा था यह लड़की अगले स्टाप से चढी और सीट खाली देख कर बैठ गयी उसमें में क्या कर सकता हूँ?'' मैं कहता हूँ
'' क्यों क्या तेरी टांगें टूट गयी हैं, तू उठ कर दूर खड़ा नहीं हो सकता था''
'' पर यदि वहॉं भी कोई लड़की आ जाती तो क्या करता?''
''तो और दूसरी जगह खड़ा हो जाता''
'' और यदि वहॉं भी कोई लाड़ली लक्ष्मी आ जाती तो?''
''तो बस से कूद जाता, पर जब हमने कह दिया था कि वैलेंटाइन डे के दिन कोई जोड़ा नजर नहीं आना, तो नहीं आना, बस! हम हिटलर को पसंद करने वाले लोग ज्यादा तर्क वितर्क में नहीं पड़ते, हमारा पूरे देश में राज्य हो गया तो हम सालों के दिमाग ही निकलवा कर रख देंगे'' श्रीराम सेना का दूसरा सैनिक मुँह पर घूंसा मार कर कहता।
दृश्य दो :
मैं स्कूटर पर जा रहा हूँ और रास्ते में एक महिला सुनसान रास्ते में लिफ्ट मांगती है क्योंकि बहुत देर से इंतजार करने के बाद भी वहॉं से कोई सवारी नहीं निकली और उसे जल्दी जाना है। मुख्यमार्ग पर आने पर फिर वही पंडित और लाठी त्रिशूलधारी मुष्टंडे पकड़ लेते हैं तथा बहिन होने ना होने की प्रश्नावली के बाद पंडित मंत्र पढने लगता है। इतने में ही दूसरे मुहल्ले के कुछ और श्रीराम सैनिक आकर रूक जाते हैं और उनमें से एक पाता है कि जिस लड़की की शादी करायी जा रही है वह तो उसकी बहिन हैं जो उन्हें बताती है कि उसने उन्हें बार बार असलियत बताने की कोशिश की पर वे ना तो कुछ मानते हैं और ना ही कुछ सुनते हैं। ऐसा लगता है कि अगर उनके पास दिमाग रहा भी होगा तो वे उसे किसी शाखा पर लटका आये हैं। उसके बाद श्री राम सेना की दो बटालियनों के बीच जो युद्ध छिड़ता है तो लगता है कि श्रीराम सेना और लवकुश के बीच युद्ध चल रहा हो।
मेरा वह पड़ोसी, जो धूमिल की उस कविता से जुड़ता हैं जिसमें कहा गया है कि
मैं सवाल पूछता हूँ कि
वह कौनसा प्रजातांत्रिक नुस्खा है
कि जिस उम्र में मेरी मॉं का चेहरा
झुर्रियों की झोली बन गया है
उसी उम्र में मेरी पड़ोसिन के चेहरे पर
मेरी प्रेमिका के चेहरे - सा लोच है
दृश्य तीन : एक बंदा
अपनी मॉं के साथ जा रहा है और उसे श्रीराम सेना वाले मिल जाते हैं और वही सवाल पूछते हैं कि ये तेरी बहिन है! उसके मना करने पर उनकी शादी कराने के लिए साथ लगा पंडित मंत्र पढऩे की तैयारी करें उसके पहिले ही वह पड़ोसी मोबाइल पर कहीं फोन कर देता है और सरकारी पार्टी के वे लोग प्रकट हो जाते हैं जिन्हें वह मंत्री और उनकी पार्टी के लिए हर महीने लाखों रूपयों की रिश्वत खिलाकर अपनी और उनकी सम्पत्ति बढा रहा है। उसके बाद बेचारी पुलिस को भी आना पड़ता है और श्रीराम सेना के सैनिकों को जिससे कोई सम्बंध न होने की घोषणा आरएसएस कर चुकी है, को कृष्ण जन्मभूमि की यात्रा करना पड़ती है।
ऐसे दृष्यों की कल्पना में बाढ सी आ रही है पर बाढ में कचरा बहुत आता है और सारी दुनिया वैसे भी बहुत सारे कचरों से परेशान है इसलिए अभी वाणी को विराम देना ही उचित है बरना श्रीराम सेना वालों को कष्ट करना पड़ सकता है।
lokjatan
Sunday, March 4, 2012
भोपाल में ब्रिटिश विश्वविद्यालय - लाखों की लूट और डिग्री को मान्यता नहीं
भोपाल में ब्रिटिश विश्वविद्यालय - लाखों की लूट और डिग्री को मान्यता नहीं
भोपाल। यह 'विचित्र किन्तु सत्य' किस्म की खबर है कि भोपाल में ब्रिटेन का एक विश्वविद्यालय चल रहा है। यह देश का इकलौता विश्वविद्यालय है जो लीड्स मेट इंडिया भोपाल नाम से वाल्मी रोड पर चल रहा है। दिलचस्प यह भी है कि ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्नीकल एज्यूकेशन ने उसकी डिग्रियों/उपधियों को कोई मान्यता भी नहीं दी है।
लोकजतन संवाददाता ने जब वहाँ उपस्थित एक पदाधिकारी से पूछा कि मान्यता क्यों नहीं मिली तो उसने भारत सरकार की कार्यप्रणाली का मजाक उड़ाते हुए कहा कि यहाँ मान्यता के तीन प्रकार हैं। एक मान्यता प्राप्त। दूसरा अमान्य और तीसरा अण्डर प्रोसेस। हम मान्यता के अण्डर प्रोसेस में हैं।
यह पूछने पर कि आप बिना मान्यता के उपाधि दे रहे हैं, यह अवैधानिक है, तो जबाव मिलता है कि हमने तो एप्लाई कर दिया था, आगे की जुम्मेदारी सरकार की है। हमने इतना इन्वेस्ट कर दिया है तो हम काम कर रहे हैं। यह कहने पर कि इससे तो पढने वाले शिक्षार्थियों का भविष्य खतरे में पड़ जायेगा तो जबाव मिला कि क्या भारत के सभी मान्यता प्राप्त डिग्रीधरियों को भविष्य की इस देश ने गारंटी दे रखी है ?
इस तरह चोरी और सीनाजोरी के दम-गुर्दे से यह फर्जीवाडा चल रहा है। चूं:कि यह देश के प्रमुख समाचार समूह की साझेदारी में चल रहा है इसलिए इसे सुरक्षित ग्रीन लैण्ड के सघनवन प्रांतर में भव्य भवन बनाने की इजाजत मिली हुई हैं संरक्षित वन क्षेत्र में किसी स्थाई निर्माण की स्वीकृति नहीं दी जा सकती। यों भी यह कलिया सौत बाँध के जल ग्रहण क्षेत्र में आता हैं लेकिन सैयां कोतवाल हो तो डर काहे का ? इसके उद्घाटन की रस्म मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में गुपचुप तरीके से कर ली। इसकी तस्वीरें यूनीवसिर्टी के रिकार्ड में हैं।
इसके प्रस्तावित कोर्स का खर्च 10 से 20 लाख तक आता है। इसमें एक सेमेस्टर लंदन से करने का प्रावधान है जिसका शिक्षण शुल्क 3000 पाउण्ड यानी करीब ढाई लाख रूपये है। इसके अलावा वहाँ जाने आने और रहने ठहरने का अनुमानित खर्च 1 से डेढ़ लाख तक है। यह पूछे जाने पर कि यह अंतर क्यों ? जबाब मिलता है कि जो हवाई जहाज में इकनॉमी क्लास में आयेंगे जाएंगे और सस्ते होटल की डॉरमेट्री में ठहरेंगे, उन्हें 1 लाख लगेंगे और जो लग्जरी क्लास में आना जाना करेंगे और सर्वसुविधा सम्पन्न रिहायश में रहेंगे उनके लिए यह राशि डेढ लाख होगी।
दिलचस्प यह है कि अभी संसद में विदेशी विश्व विद्यालय को लेकर चार बिल लंबित हैं और यहां यह फर्जीवाडा धडल्ले से चल रहा है। (लोजसं)
भोपाल। यह 'विचित्र किन्तु सत्य' किस्म की खबर है कि भोपाल में ब्रिटेन का एक विश्वविद्यालय चल रहा है। यह देश का इकलौता विश्वविद्यालय है जो लीड्स मेट इंडिया भोपाल नाम से वाल्मी रोड पर चल रहा है। दिलचस्प यह भी है कि ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्नीकल एज्यूकेशन ने उसकी डिग्रियों/उपधियों को कोई मान्यता भी नहीं दी है।
लोकजतन संवाददाता ने जब वहाँ उपस्थित एक पदाधिकारी से पूछा कि मान्यता क्यों नहीं मिली तो उसने भारत सरकार की कार्यप्रणाली का मजाक उड़ाते हुए कहा कि यहाँ मान्यता के तीन प्रकार हैं। एक मान्यता प्राप्त। दूसरा अमान्य और तीसरा अण्डर प्रोसेस। हम मान्यता के अण्डर प्रोसेस में हैं।
यह पूछने पर कि आप बिना मान्यता के उपाधि दे रहे हैं, यह अवैधानिक है, तो जबाव मिलता है कि हमने तो एप्लाई कर दिया था, आगे की जुम्मेदारी सरकार की है। हमने इतना इन्वेस्ट कर दिया है तो हम काम कर रहे हैं। यह कहने पर कि इससे तो पढने वाले शिक्षार्थियों का भविष्य खतरे में पड़ जायेगा तो जबाव मिला कि क्या भारत के सभी मान्यता प्राप्त डिग्रीधरियों को भविष्य की इस देश ने गारंटी दे रखी है ?
इस तरह चोरी और सीनाजोरी के दम-गुर्दे से यह फर्जीवाडा चल रहा है। चूं:कि यह देश के प्रमुख समाचार समूह की साझेदारी में चल रहा है इसलिए इसे सुरक्षित ग्रीन लैण्ड के सघनवन प्रांतर में भव्य भवन बनाने की इजाजत मिली हुई हैं संरक्षित वन क्षेत्र में किसी स्थाई निर्माण की स्वीकृति नहीं दी जा सकती। यों भी यह कलिया सौत बाँध के जल ग्रहण क्षेत्र में आता हैं लेकिन सैयां कोतवाल हो तो डर काहे का ? इसके उद्घाटन की रस्म मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में गुपचुप तरीके से कर ली। इसकी तस्वीरें यूनीवसिर्टी के रिकार्ड में हैं।
इसके प्रस्तावित कोर्स का खर्च 10 से 20 लाख तक आता है। इसमें एक सेमेस्टर लंदन से करने का प्रावधान है जिसका शिक्षण शुल्क 3000 पाउण्ड यानी करीब ढाई लाख रूपये है। इसके अलावा वहाँ जाने आने और रहने ठहरने का अनुमानित खर्च 1 से डेढ़ लाख तक है। यह पूछे जाने पर कि यह अंतर क्यों ? जबाब मिलता है कि जो हवाई जहाज में इकनॉमी क्लास में आयेंगे जाएंगे और सस्ते होटल की डॉरमेट्री में ठहरेंगे, उन्हें 1 लाख लगेंगे और जो लग्जरी क्लास में आना जाना करेंगे और सर्वसुविधा सम्पन्न रिहायश में रहेंगे उनके लिए यह राशि डेढ लाख होगी।
दिलचस्प यह है कि अभी संसद में विदेशी विश्व विद्यालय को लेकर चार बिल लंबित हैं और यहां यह फर्जीवाडा धडल्ले से चल रहा है। (लोजसं)
Subscribe to:
Posts (Atom)
beer's shared items
Will fail Fighting and not surrendering
I will rather die standing up, than live life on my knees: