वर्तमान सरकार ने दिया बहुत कुछ हमको
पता नहीं क्यों तकलीफ हो रही है उनको
दस हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज
दिया हमको तो किसी को क्यों हो रहा हर्ज
पानी का वायदा करके पानी के लिए तरसाया
बिजली चौबीस घंटे मिले हमको था बहकाया
सेज से सुरग बनने का किया हमसे वायदा
असल में अर्थी हमारी निकालने का इरादा
चढा दिया नए कर्जों का हम पर फ़िर से भार
कर्जे ले लेकर हमारे पुराने कर्जे रहे उतार
हरयाणा की है नम्बर वन हमारी ये सरकार
बहुत कुछ दिया इसने साथ दी महंगाई की मार
जायें तो जायें कहाँ ख़तम हुआ है विस्वास मेरा
हजंका बसपा इनेलो भाजपा एक जैसा सबका चेहरा
Saturday, October 10, 2009
Friday, October 2, 2009
मानवता
यहाँ सबकी बुधी उलटी हो गयी
मानवता पता नहीं कहाँ खो गयी
धर्म ने हम सबका जनाजा निकाला
धर्म के ठेकेदारों का पिट गया दिवाला
दोषी खुले आम यहाँ घूम रहे हैं
जाम पर जाम टकराते झूम रहे हैं
तुमने की है जो तबाही सोच लो
देगा ये इतिहास गवाही सोच लो
पेट में ही लड़की को मार गिराया
मर्दपन आज दुनिया को दिखाया
अमीरों की चाल में हम आ गए
अपना घर ही लूटकर हम खा गए
पक्षी उड़ते आज भी नीले आकाश में
रहते मिलजुल के आपस के विश्वास में
पंछी से भी गिर गया इंसान यहाँ
बचा हम सबका आज इमान कहाँ
नादाँ तेरी उमर जब ढल जायेगी
सुन मेरी याद तुझे फ़िर सताएगी
मानवता पता नहीं कहाँ खो गयी
धर्म ने हम सबका जनाजा निकाला
धर्म के ठेकेदारों का पिट गया दिवाला
दोषी खुले आम यहाँ घूम रहे हैं
जाम पर जाम टकराते झूम रहे हैं
तुमने की है जो तबाही सोच लो
देगा ये इतिहास गवाही सोच लो
पेट में ही लड़की को मार गिराया
मर्दपन आज दुनिया को दिखाया
अमीरों की चाल में हम आ गए
अपना घर ही लूटकर हम खा गए
पक्षी उड़ते आज भी नीले आकाश में
रहते मिलजुल के आपस के विश्वास में
पंछी से भी गिर गया इंसान यहाँ
बचा हम सबका आज इमान कहाँ
नादाँ तेरी उमर जब ढल जायेगी
सुन मेरी याद तुझे फ़िर सताएगी
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I will rather die standing up, than live life on my knees: