Wednesday, October 10, 2012

RAPE MANIA

रेप मैनिया 
यो रेप मैनिया क्यों म्हारे हरयाणा के मैं छाग्या रै ।।
पढ़ पढ़ कै हादसे रोजाना जी घणा दुःख पाग्या रै ।।
जिस कै  लागै वोहे जानै दूजा के जानै पीर पराई 
म्हारै भी दुःख नहीं होंता जब तक ना झेलै माँ जाई 
सर पर कै पानी गया समाज पूरा घबराग्या रै ।।
कुछ अत्याचार बढ़ाये परम्परावादी रिवाज नै रै 
बाकी कसर पूरी करदी  इस बाजारी समाज नै रै 
महिला बनाई भोग की वस्तु बुरा जमाना आग्या रै ।।
बदमाशों की देखी जा सफेदपोश बदमाश होग्या 
माहौल पूरे समाज का यो अपराधों के बीज बोग्या 
बाड़ खेत नै खाण लगी रूखाला मुंह काला कराग्या रै।।
रेपिस्ट उनकी जिन्दगी मैं ये जहर कसूता घोलें 
हिम्मत उन महिलाओं की जो इसके खिलाफ बोलें 
कहै रणबीर बारोने आला छोह मैं छंद बनाग्या रै ।।



हरयाणा का माहौल

हरयाणा का माहौल 
एक बै  आदत  पड्ज्या तो छूटै  ना  कितने ए ताण  तुडाले ।।
मुश्किल  होज्या ऐब छुडाना चाहे कितनी ए कसम दुआले ।।
तम्बाकू की लत  होज्या तो कैंसर रोग की खुल ज्य़ा राही 
दमा  बढे और साँस रोग भी मचावै  बुढापे  के मैं तबाही  
खांसी बलगम तडकें ए तड़क  मानस नै खूबे ए रूआले ।।
दारू की लत का काम बुरा पूरे हरयाणा मैं छागी देखो 
माणस  की इस लत के कारण महिला दुःख पागी देखो 
गैंग रेप बढ़े हरयाणा मैं या गिरती साख कौन बचाले ।।
पर नारी की लत कसूती या घर परिवार बर्बाद करै   
महिला पुरुष के मीठे रिश्त्याँ मैं या कसूता खटास भरै 
नहीं छुटती लत माणस की कोए कितना ए समझाले ।।
ताश खेलन की लत बढ़ी हरयाने के गामाँ की गालाँ मैं 
जुए की लत कारण द्रोपदी का चीरहरण हुया दरबारां  मैं 
परम्परावादी रूढ़ीवादी नेता पुलिश अफसर रख वाले ।।
हरयाणा के लड़के लडकी कई लतां के शिकार हुए 
समाज सुधार की जरूरत घनी रणबीर के विचार हुए 
सते फरमाना दिल तैं तूं या रागनी ऊंचे सुर मैं गाले ।।



Saturday, October 6, 2012

PREM CHAUDHRY





Land Grab

Land Grab By The Rich Pushing Out People, Create Hunger In Poor Countries
 By Countercurrents.org

http://www.countercurrents.org/cc051012A.htm

“In the past decade an area of land eight times the size of the UK has been sold off globally as land sales rapidly accelerate. This land could feed a billion people, equivalent to the number of people who go to bed hungry each night”, said Our Land Our Lives, Time out on the global and rush , an Oxfam briefing note issued recently. “In poor countries,” said the note, “foreign investors have been buying an area of land the size of London every six days.” The trend was found in the period 2006-2010

dabang

ताकतवर लोग जानते हैं कि साधारण आदमी 
स्वभाव से क्रूर और स्वार्थी नहीं होता | उसकी 
अन्तश्चेतना मूल्य और फायदे को तोलते समय
 पासंग का काम करती है | इसलिए साधारण 
आदमी को सच्चाई तक मत पहुँचने दो | उसे 
नियंत्रित वायुमंडल में पालो , ब्रायलर वाली 
मुर्गीयों की तरह और बाड़े के सूअरों की तरह | 
और फिर उन्ही को जिम्मेवार ठहराव 
समस्याओं के लिए |

beer's shared items

Will fail Fighting and not surrendering

I will rather die standing up, than live life on my knees:

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