यु पी चुनाव पै सबकी आके नजर टिकी भाई
चर्चा किस पार्टी की टिकट कितने मैं बिकी भाई
मुलायम की पार्टी नै अपना अभियान चलाया सै
मायावती नै दलित कार्ड हट कै नै आजमाया सै
कांग्रेस नै अजीत जाट का यो लंगोट घुमाया सै
भाजपा नै सबते न्यारा मजहबी ढोल बजाया सै
रास्ता कोए दीखता ना जनता इनते छिकी भाई
आर्थिक नीतियों पर ये सारी पार्टी एक बरगी रै
भजपा कांग्रेस तै आगे उदारीकरण का पां धरगी रै
चोर चोर मुसेरे भाई जनता कै या पूरी जरगी रै
नाश होण मैं कसर कडे या पाप की हांड़ी भरगी रै
जटिल समस्या आ खडी गुंडयाँ की खूब धिकी भाई
इसे हालत के करै जनता नहीं समझ मैं आवै
मजबूरी मैं जात गोत पै हट हट मोहर लगावै
दारू पीस्सा बंटे चौड़े मैं गरीब वोट खरीदी जावै
वोटर बेच वोट अपनी नै कुछ दिन तो मौज उड़ावै
पाँच साल मैं पाँच सात दिन रोटी सही सिकी भाई
सजा याफ्ता उम्मीदवार भी कई पार्टियाँ के खड़े सें
मुलायम सिंह सबतें आगै मायावती नै लाले पड़े सें
कांग्रेस अजीत नंबर दो पै इस्पै सट्टे लागे बड़े सें
सोच समझकै रणबीर सिंह नै चुनाव पै छंद घड़े सें
विकास का नारा गुम सै चुनाव जात पै झुकी भाई
5.2.2012
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